डेस्क : उत्तर प्रदेश में फिर से बीजेपी की सरकार बनने के बाद बुलडोजर एक बार फिर सुर्खियों में है. ऐसे में हम आपको बताएंगे कि बुलडोजर इतना वजन कैसे उठाता है और कुछ और जरूरी जानकारियां भी देंगे। आपको बता दे की उत्तर प्रदेश में फिर से बीजेपी की सरकार बनने के बाद फिर से बुलडोजर चलने लगे हैं। अवैध कब्जाधारियों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। ऐसे में बुलडोजर खूब सुर्खियां बटोर रहा है। इसी कड़ी में आज हम आपको बुलडोजर से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं। हम आपको बताएंगे कि एक बुलडोजर कितना वजन उठा सकता है और क्या इसे बनाए रखने के लिए हाथी को उठाने जैसा खर्च आता है।
जेसीबी ने बुलडोजर बाजार पर कब्जा किया : आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जेसीबी कंपनी हमारे देश में सबसे ज्यादा बुलडोजर बेचती है और यह कंपनी सबसे ज्यादा बुलडोजर भी बनाती है. जेसीबी कंपनी भारत में रोजाना करीब 130 बुलडोजर मशीनों का निर्माण कर रही है। जेसीबी एक अर्थ मूविंग मशीन है। खासतौर, पर इसका काम सतह को समतल करने और इमारतों को गिराने का होता है। बुलडोजर ट्रैक्टर का एक शक्तिशाली रूप है जो भारी वस्तुओं को स्थानांतरित करने या उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए ब्लेड या रिपर का उपयोग करता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि हमारे देश में कई तरह के बुलडोजर उपलब्ध हैं। सबसे छोटा बुलडोजर जेसीबी 1 सीएक्स है जिसका वजन लगभग 1530 किलोग्राम है लेकिन अब मांग में तेजी के साथ कंपनियां हाई-टेक सुविधाओं से लैस बुलडोजर का निर्माण कर रही हैं। वैसे अब जेसीबी 3डीएक्स ईसीओ एक्सीलेंस और जेसीबी 3डीएक्स ईसीओ एक्सपर्ट बुलडोजर सबसे ज्यादा बिक रहे हैं। इस बुलडोजर का वजन 7460 किलो है। बुलडोजर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं – लॉडर और बुकेट।
जानिए बुलडोजर कितना वजन उठा सकता है : विशेषज्ञों और कंपनी के अनुसार, एक इमारत को गिराने और उसका मलबा उठाने के लिए विभिन्न तकनीकों और ताकतों का इस्तेमाल किया जाता है। हमारे देश में मौजूद जेसीबी अधिकतम 100 क्विंटल वजन उठाने में सक्षम हैं। वहीं छोटे बुलडोजर से 20 क्विंटल तक वजन उठाया जा सकता है। बुलडोजर से वजन उठाने का काम तकनीक पर आधारित है। यह हाइड्रोलिक प्रेशर से संचालित होता है और 1 नट की मदद से चालक इसे संचालित करता है।
पूरा हाइड्रोलिक सिस्टम एक ही नट पर काम करता है। इसे संचालित करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है और वजन उठाते समय संकेतक बताता है कि यह अधिक वजन है या क्षमता के अनुसार। क्षमता से अधिक वजन उठाने से हार्स पाइप क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। इसके अलावा पंप खराब भी हो सकता है जिससे भारी खर्च का सामना करना पड़ सकता है। आपको एक और बात बता दें कि भारत में आपको 10 लाख रुपये में बुलडोजर मिल सकता है। वैसे अधिकतम 15 से 30 लाख बुलडोजर खरीदे जाते हैं। जेसीबी 3डीएक्स ईसीओ एक्सीलेंस की ऑन रोड कीमत करीब 30 लाख रुपये है। वहीं, अधिक कीमत के बुलडोजर भी उपलब्ध हैं।
बुलडोजर का इतिहास : बुलडोजर का निर्माण 18 दिसंबर 1923 को अमेरिका के पेंसिल्वेनिया के दो किसानों (जेम्स कमिंस और जे. अर्ल मैकलियोड) द्वारा किया गया था। शुरुआत में बुलडोजर का इस्तेमाल सिर्फ खेती में होता था। फिर बाद में इसने निर्माण, विध्वंस, सड़क बनाने, जमीन को समतल करने, खुदाई करने और मिट्टी-रेत-बजरी जैसी चीजों को कंटेनरों में भरने जैसे काम करना शुरू कर दिया। फिर 1940 तक यह खुदाई करने वाली मशीन बन गई। आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर साल करीब 40 हजार बुलडोजर बनते हैं। यहां हर महीने औसतन 35 बुलडोजर बनते हैं, जिन्हें जेसीबी, टाटा हिताची, महिंद्रा, एस्कॉर्ट्स, एसीई जैसी कंपनियां बनाती हैं। अकेले जेसीबी भारत में बने कुल बुलडोजर का लगभग 70 से 75 प्रतिशत उत्पादन करता है।