क्या आप जानते हैं ट्रेनों का नाम किस आधार पर तय होता है? जानें – राजधानी, शताब्दी से और दूरंतो का इतिहास..

Indian Railway : रेलवे आज ही नहीं, बल्कि आजादी से पहले से यात्रियों का मुख्य साधन रहा है। आज रेलवे हर राज्य को एक-दूसरे को जोड़ दिया है। ऐसे में आप भी कई बार ट्रेन से यात्रा किए होंगे। यदि हां तो आपके मन में ट्रेन को लेकर कई सवाल आते होंगे। इसमें एक सवाल यह भी है कि ट्रेन का नाम कैसे रखा जाता होगा। जैसे कि राजधानी, अवध असम आदि, तो आइए आज ट्रेनों के नामकरण का प्रकिया जानते हैं।

आमतौर पर ट्रेनों का नाम तीन आधार पर तय किया जाता है। इसमें राजधानी, स्थान, पता यानी लोकेशन को शामिल किया गया है। अधिकांश ट्रेनों का इन्ही तीन कैटगरी के आधार पर रखा जाता है। इसमें अब देखिए एक ट्रेन का नाम राजधानी एक्सप्रेस है। इस ट्रेन का नाम राजधानी इसलिए भी रखा गया है क्योंकि यह देश की राजधानी दिल्ली से अन्य राज्यों की राजधानी को जोड़ती है। साथ ही इसकी तेज गति के वजह से भी इस ट्रेन का नाम राजधानी है।

वहीं कई ट्रेनों का नाम किसी विशेष स्थान यानी विशेष स्टेशन तर्ज पर तय किए गए हैं। यह ट्रेन किसी एक खास स्टेशन से दूसरे स्टेशन के यात्रा करती है। जैसे के कामाख्या-कटरा इस ट्रेन के नाम से साफ पता चलता है कि यह कामाख्या से कटरा तक जाएगी। अब बात करते हैं लोकेशन के आधार पर चलने वाली ट्रेन के बारे में तो यह ट्रेन किसी खास लोकेशन से गुजर कर अपने गंतव्य तक जाती है। ऐसे में किसी लोकेशन के आधार पर नाम तय की किए जाते हैं। जैसे चारमीनार एक्सप्रेस (Charminar Express), रणथंभौर एक्सप्रेस (Ranthambore Express), ईस्ट कोस्ट एक्सप्रेस (East Coast Express आदि।

इस ट्रेन का नाम है इतिहासिक : अब बात करते हैं शताब्दी एक्सप्रेस की, यह ट्रेन काफी प्रसिद्ध है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के 100वें जन्मदिन पर इस ट्रेन की शुरुआत की गई। यह देश सबसे तेज चलने वाली ट्रेनों में से एके है। सताब्दी एक्सप्रेस 160KM प्रति घंटे की स्पीड से चलती है।