24 घंटे पानी में रहने के बाद भी नहीं भीगते बतख के पंख – जानिए कैसे होता है कुदरत का करिश्मा

डेस्क : भारत में एक कहावत है जिसमें चिकने घड़े का इस्तेमाल करते हुए यह समझाने की कोशिश की जाती है कि सामने वाले व्यक्ति को जो बात समझाई जाएगी वह उसके सिर के ऊपर से निकल जाएगी और किसी भी बात का उसको फर्क नहीं पड़ेगा। इसी प्रकार से अंग्रेजी में कहावत है, लाइक वाटर ऑफ इट्स बैक, इसका सीधा अर्थ है कि किसी व्यक्ति की यदि आलोचना हो रही है और उसको फर्क नहीं पद रहे है।

इसमें बतख का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है क्योंकि बतख 24 घंटे तक पानी में रहती है फिर भी उसके पंखों पर पानी की एक बूंद नहीं दिखती। आपने अक्सर ही पानी में तैरती हुई बतखों को देखा होगा। वह बेहद ही प्यारी नजर आती है, ज्यादातर बतखें साफ पानी में रहना पसंद करती हैं। पानी में रहते हुए भी वह पूरे दिन गीली नहीं होती है, साथ ही साथ उनके पंख हमेशा ही सूखे हुए दिखते हैं। अक्सर ही उनको देखकर दिमाग में सवाल आता है कि आखिर उनके पंख गीले क्यों नहीं होते।

दरअसल समय समय पर बत्तख प्रीनिंग नाम की प्रक्रिया करती है। प्रीनिंग नाम की प्रक्रिया करने से उसके पंख हमेशा सूख जाते हैं और पानी की एक बूंद भी उन पर टिक नहीं पाती। प्रीनिंग के जरिए उनके शरीर से एक तेल की तरह पदार्थ निकलता है, जिससे पंख चिकने दिखने लगते हैं। तेल की वजह से पानी खुद का खुद उनके पंखों से फिसल जाता है। आपको बता दें की कभी-कभी बतक अपनी चोच से अपने पंखों में कुछ हरकत करती दिखती है। दरअसल इसी प्रक्रिया को प्रीनिंग कहा जाता है।