क्या आप जानते हैं बिजली चोरी करते पकड़े जाने पर कितने साल की जेल होती है? आज जान लीजिए..

डेस्क : देश में बिजली चोरी की समस्या चरम पर है। यह समस्या ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्र में भी बनी हुई है। सरकार इसको लेकर कई हथकंडे अपनाए, लेकिन काबू पाना मुश्किल है। इसके लिए कई कठोर कानून भी बनाए गए हैं। जिसके तहत बिजली चोरी करते पकड़े जाने पर जुर्माने के साथ-साथ जेल की सजा हो सकती है। बता दें कि ग्रामीण इलाकों में यह समस्या अधिक है। इस समस्याओं से उबरने के लिए, जो कानून बनाए गए हैं उन पर बात करेंगे। इसके तहत क्या सजा है? तो आइए जानते हैं।

विद्युत अधिनियम-2003 में बिजली चोरी करने पर सजा का प्रावधान है। बिजली चोरी करने वालों को विद्युत अधिनियम-2003 की धारा 135 और 138 के तहत सजा के तौर पर जुर्माने के साथ – साथ जेल की सजा भी हो सकती है। बता दें कि धारा 135 के तहत बिजली चोरी से जुड़े मामले और धारा 138 के तहत चोरी की नीयत से बिजली मीटर से छेड़छाड़ से जुड़े मामले हैं. बिजली चोरी के अपराध में शामिल दोषियों को जुर्माने के साथ-साथ जेल की सजा भी भुगतनी होगी।

इसके अलावा जुर्माने की राशि न देने पर दोषी को जेल भी भेजा जा सकता है। आपको बता दें कि बिजली चोरी के मामले में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग सजा दी जाती है।

बिजली की चोरी के लिए दंड इस बात पर निर्भर करता है कि अपराधी घरेलू उपयोग के लिए चोरी कर रहा था या व्यावसायिक उपयोग के लिए चोरी कर रहा था। घरेलू बिजली की तुलना में वाणिज्यिक बिजली बहुत अधिक महंगी है।

इसलिए, घरेलू बिजली की चोरी की तुलना में वाणिज्यिक बिजली की चोरी में जुर्माना और सजा दोनों ही कठोर हैं। इसके साथ ही यह सजा चोरी हुई बिजली के भार पर भी निर्भर करती है।