क्या Cloud Burst से सचमुच फट जाते हैं बादल? अचानक भारी मात्रा में गिर जाता है पानी ?

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Cloud Burst: मानसून के दिनों में बादल फटने की खबर हम सभी हमेशा सुनते रहते हैं। लेकिन कभी आपने कभी सोचा है, बादल फटने की खबर के दौरान आखिर क्या होता है? देशभर में मानसून अब दस्तक दे चुका है।पहाड़ी इलाकों में तेज बारिश से आम लोगों की जनजीवन बेहद ही खराब हो जाती है। दरअसल बादल फटने की खबरें भी अक्सर पहाड़ी इलाकों से ही आती है। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में अक्सर बादल फटने की घटनाएं सामने आती रहती है जिसको लेकर प्रदेश भर में भारी तबाही भी होती है।

हम लोग जब बादल फटने की घटनाएं कुछ सुनते हैं तो ऐसा माना जाता है कि उन्हें लगता होगा कि गुब्बारे नुमा बादल अचानक फट जाने से अचानक पानी जमीन पर गिर गया होगा और तबाही मच गई होगी लेकिन बादल फटने की बात कुछ और होती है दरअसल किसी भी एक स्थान पर अचानक लंबे समय के लिए मूसलाधार बारिश होने लगती है जिससे वहां का आम जनजीवन काफी प्रभावित हो जाता है। मूसलाधार बारिश के कारण नदियों के बहाव बहुत तेजी आ जाती है। आमतौर पर बादल फटने की घटनाएं तब होती है जब बादल जमीन से 12 से 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर रहता है और मूसलाधार बारिश होती है।

(Cloud Bursting) बादल फटने का मूल तात्पर्य किसी विशेष स्थान पर तेज मूसलाधार बारिश का होना है। मूसलाधार बारिश के कारण आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। मौसम विभाग( IMD)के वैज्ञानिकों द्वारा बताया जाता है कि अक्सर जहां बादल फटता है वहां 100 लीटर प्रति घंटे की दर से मूसलाधार बारिश होती है।

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