मुगल साम्राज्य में औरंगजेब ऐसा शासक था जिसे सबसे ज्यादा लोगों की नफरत का शिकार होना पड़ा, और होता भी क्यों ना जिसने गद्दी के लिए अपने ही भाई की हत्या करवा दी हो और पिता को कैदी बना दिया हो उसे उसकी प्रजा कैसे प्यार कर सकती है। उसने अपनों के क़त्ल किए, जनता पर अत्याचार कीजिए और गैर हिंदू लोगों से जबरन कर वसूला। लेकिन वह अपनी एक बहन को सबसे ज्यादा प्यार करता था, जो थी रोशनआरा जिसने उसे गद्द्दी तक पहुंचाने में सबसे अहम भूमिका निभाई।
हाथी को काबू में कर निर्भीकता का दिया सबूत : एक वक्त वह था जब औरंगजेब ने अपने निर्भीकता का परिचय देते हुए 18 मई 1633 को सेना के शक्तिशाली हाथी बेकाबू को काबू में किया। हाथी हर चीज़ को तहस-नहस करने पर आमादा था, उस वक़्त औरंगजेब ही था जिसने एक गुस्साए हाथी पर काबू पाया और ये पल चर्चा का विषय बन गया।
क्रूर था औरंगजेब : औरंगजेब को मुगल इतिहास का सबसे क्रूर शासक माना जाता है क्योंकि उसने सत्ता के लिए अपने भाई दारा शिकोह को भी नहीं छोड़ा। दारा शिकोह शाहजहां का सबसे प्रिय बेटा था और यह बात औरंगजेब बहुत अच्छे से जानता था और यह भी जानता था कि शाहजहां दारा शिकोह को ही अगला शासक बनाना चाहते हैं। लेकिन, औरंगजेब को यह बात हजम नहीं हुई और उसने उसे सत्ता से हटाने के लिए षड्यंत्र रचा और इस षड्यंत्र में उसकी बहन रोशन आरा ने उसका पूरा साथ दिया। लेकिन उसकी क्रूरता तब सामने आई जब उसने सत्ता के लिए अपने ही भाई का सिर कलम करा दिया।
संगीत पर पाबन्दी : औरंगजेब ने अपने शासन के दौरान संगीत पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी थी। जिसके बाद कलाकारों के एक समूह ने बादशाह के खिलाफ विरोध जताने की योजना बनाई और वह दिल्ली की जामा मस्जिद पर इकट्ठा हुए। इस दौरान कलाकारों ने रोते हुए जुलूस निकाला।उसी दौरान नमाज अदा करके लौट रहे औरंगजेब के कानों में यह आवाजें पहुंची। तो औरंगजेब ने कलाकारों से इसकी वजह पूछी तो प्रदर्शनकारियों ने जवाब दिया कि आपने हमारे संगीत का कत्लेआम किया है अब हम उसी संगीत को दफनाने जा रहे हैं इस पर औरंगजेब ने कहा कब जरा गहरी खोदना।
लागू किया जजिया कर : औरंगजेब ने उस विवादित जजिया कर को लागू करवाया जिसे अकबर ने प्रतिबंधित किया था। जजिया कर प्रणाली लागू होने पर मुस्लिम शासक गैर-हिन्दू लोगों से अतिरिक्त कर वसूलते थे और ज्यादातर गैर मुस्लिम लोग इसे अपमान के तौर पर मानते थे।
उम्र के अंतिम पड़ाव पर हुआ अपने किए का एहसास : औरंगजेब ने अपने शासनकाल में कुछ ही ऐसे काम किए हो जिससे जनता खुश हुई हो या फिर अपने शासक की तारीफ की हो। औरंगजेब को अपने किए गए अत्याचारों का एहसास भी हुआ लेकिन तब जब वह उम्र के आखिरी पड़ाव पर था। औरंगजेब अपने रिश्तों में कभी भी वफादार नहीं रहा लेकिन वह अल्लाह के प्रति बहुत वफादार था लेकिन, जब उसकी उम्र ढल गई तो उसे अपने जवानी में किए गए कारनामों का एहसास होने लगा।