क्या सच में कैप्टन को खुश करने के लिए एरोप्लेन में हायर की जाती है सुन्दर एयर होस्टेस, जानें वजह

डेस्क : अगर आपने भी एरोप्लेन में उड़ान भरी है तो देखा होगा कि हमेशा आपकी मदद के लिए फ्लाइट अटेंडेट्स तैनात रहती हैं। यह Air Hostess होती हैं, जिनका काम होता है यात्रा के दौरान आपकी आने वाली किसी भी मुश्किल को आसान करना। यह भी आपने देखा होगा कि ये फ्लाइट अटेंडेंट पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ही ज्यादातर होती हैं। महिलाओं को ही अधिकतर एयरलाइंस चुनती हैं। लेकिन क्या आपको इसका कारण पता है?

कुछ लोगों कहैये मानना है कि सिर्फ ग्लैमर वजह है महिलाओं को चुनने की, जो बिल्कुल सच नहीं है। अब ऐसा नहीं है कि पुरुष एयर होस्ट बन ही नहीं सकते हैं। मेल फ्लाइट अटेंडेंट भी होते हैं, लेकिन इनकी संख्‍या जो है वो काफ़ी कम है। अब इस पद पर पुरुषों को रखने वाली कंपनियां कहती हैं कि केवल उस परिस्थिति में वह मेल अटेंडेट रखती हैं, जहां ज्‍यादा बल और मेहनत का काम हो। जानकारी के मुताबिक,महिलाएं हॉस्पिटेलिटी से जुड़े काम के लिए सही चॉइस मानी जाती हैं।

माना जाता है कि पुरुषों के मुकाबले लोग महिलाओं की बातों पर ज्यादा गौर करते हैं और उन्हें ध्यान से सुनते भी हैं। इसलिए जरूरी दिशा-निर्देश बताने की जब बात आती है तो महिलाएं को चुना जाता है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की मैनेजमेंट स्किल्स ज्यादा अच्छी होती हैं और ऐसे में वह यात्रियों की सेवा में ज्यादा ध्यान देती हैं। साथ ही कम समय में समाधान भी निकाल लेती हैं।

फीमेल फ्लाइट अटेंडेंट पुरुषों के मुकाबले ज्यादा विनम्र और वेलकमिंग होती हैं। ऐसे में उस एयरलाइन की इमेज पैसेंजर्स के दिमाग में अच्छी बनती है। महिलाएं ज्यादा उदार स्वभाविक होती हैं और आकर्षक भी। यह केबिन क्रू के लिए एक बहुत जरूरी क्वॉलिटी है। वहीं, ये बात भी कहीं न कहीं आती है कि महिलाओं का वजन पुरुषों से कम होता है और किसी भी फ्लाइट के लिए ये एक महत्वपूर्ण है, क्योंकि ज्यादा वजन का मतलब है ज्यादा फ्यूल।

यही कुछ वजहें हैं जिसकी वजह से आप हवाई जहाज में महिला केबिन को क्रू ज्यादा और पुरुष केबिन क्रू को कम देखते हैं। हांलाकि, जेंडर समानता को लेकर यह भी कहा जाता है कि पुरुषों को भी इस नौकरी में उतना ही मौका मिलना चाहिए।