न्यूज डेस्क : बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के माध्यम से जल्द ही प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 45 हजार 892 हेडमास्टरों की बहाली होगी। बता दे की राज्य के प्राथमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बीपीएससी (BPSC) से इसकी सीधी नियुक्ति होगी। इसमें 40058 हजार सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक और 5334 नए (उत्क्रमित) उच्च माध्यमिक विद्यालयों में हेडमास्टर (प्रधानाध्यापक) की बहाली होगी। बताते चलें कि आजादी के बाद पहली बार प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान अध्यापक के पद का सृजन और फिर उस पर बहाली प्रक्रिया सुनिश्चित की जा रही है।
स्वतंत्रता दिवस (15 Aug) के शुभ अवसर पर सीएम नीतीश कुमार ने राज्य के स्कूली शिक्षा के विकास एवं गुणवत्ता में सुधार के लिए विद्यालय स्तर पर कुशल एवं प्रभावी नेतृत्व की आवश्यकता जतायी थी। सीएम के घोषणा होते ही शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया की बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) इन पदों पर नियुक्ति करेगा और इसके लिए सीधी भर्ती की प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन करेगा। प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक के लिए 40058 पद और नए उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के लिए 5334 पद का सृजन किया गया है। इन पदों पर मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिल गई है, और अब बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से लिखित परीक्षा के आधार पर बहाली सुनिश्चित की जाएगी। प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक के पदों पर केवल शिक्षकों की ही दावेदारी मान्य होगी। कमीशन द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिता परीक्षा के लिए उन्हें ही मान्य आवेदक माना जायेगा। प्राथमिक स्कूलों में प्रधान शिक्षक पद के लिए सरकारी स्कूल में 8 साल का शिक्षण अनुभव जरुरी होगा। साथ ही प्रधान शिक्षक पद के लिए स्नातक और बीएड के अलावा पांच वर्ष का अनुभव होना भी जरूरी होगा।
प्रधानाध्यापक पद हेतु स्नातकोत्तर और बीएड,एमएड तथा न्यूनतम पांच वर्ष का अनुभव। निजी विद्यालयों में शिक्षण कार्य या विद्यालय प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहे योग्य एवं अनुभवी शिक्षकों को भी मौका दिया जाएगा। बता दे की उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद के लिए सरकारी स्कूलों के वैसे शिक्षक जो अपने मूल कोटि में 8 साल पूरा कर चुके हों जबकि प्राइवेट स्कूलों(CBSE/ ICSE बोर्ड) में 12 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं, को पात्र माना जायेगा। दोनों पदों के लिए नया वेतन स्लैब भी तैयार किया जायेगा।