डेस्क : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की ओर से एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। इस फैसले से अभियथियों में खुशी की लहर है। आयोग द्वारा घोषणा किया गया है कि विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों (Assistant Professor’s) के लिए 1 जुलाई 2021 से 1 जुलाई 2023 तक पीएचडी की डिग्री अनिवार्य नहीं होगी। यह निर्णय कोरोना महामारी के कारण लिया गया है।
मालूम हो कि कुछ दिन पूर्व यह खबर सामने आई थी की यूजीसी ने एक साल तक अभियथियों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के पद हेतु पीएचडी डिग्री अनिवार्य नहीं होगी। लेकिन अब प्राप्त जानकारी के मुताबिक यूजीसी ने इसकी अवधि 2023 तक के लिए बढ़ा दिया है।
बतादें कि 2018 से यह नियम था कि सहायक प्राध्यापकों के पद हेतु आवेदन में पीएचडी होना आवश्यक है। केवल नेट पास करने से आवेदक असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन नहीं कर पायेगा।
कोरोना संक्रम के कारण लाखो अभियार्थी पीएचडी की डिग्री पूरी नहीं कर सके हैं, जिस वजह से यह नया नियम उनके लिए बनाया गया है, जिससे वे लोग पीएचडी की डिग्री पूरी कर पायें।