न्यूज डेस्क : एक जून को CBSE के 12वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया । 18 जून को सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार के बोर्ड रिजल्ट फॉर्मूले को स्वीकार कर लिया था । जिसमें 10 वी और 11 वी तथा 12 वी क्लास के यूनिट टेस्ट, मिड टेस्ट, प्री बोर्ड टेस्ट के नंबर को 12 वी बोर्ड के रिजल्ट का आधार बनाया जाएगा। 31 जुलाई तक रिजल्ट घोसित कर दिए जायेंगे ।
मार्किंग सिस्टम से छात्रों और अभिभावकों में काफी नाराजगी : CBSE ने जब 12वीं रिजल्ट की मार्किंग पद्धति को बताया तो इसके बाद से काफी छात्रों और अभिभावकों ने रोष प्रकट किया । कि ये तरीका सही नहीं है कि 10 वी के अंकों को 12 वी बोर्ड का आधार बनाया जाए क्योंकि दोनों ने मानसिक रूप से पढ़ाई का स्तर बिल्कुल अलग रहता है। हो सकता कोई छात्र 10 में किसी वजह से सही से पढ़ाई न कर पाया हो जबकि 12 में किया हो । वही कुछ छात्रों ने भी कहा था कि 12 वी के पहले वर्ष में नए विषय होने की वजह से समझने में परेशानी हुई जबकि 12 की पढ़ाई ज्यादा बेहतर तरीके से उन्होंने की है तो वो ज्यादा अच्छे मार्क्स डिज़र्व करते हैं ऐसे में 11 वी के अंक को 12 वी का आधार बनाना उचित नहीं है।
अगस्त में वैकल्पिक परीक्षा की संभावना : छात्रों और अभिभावकों की नाराजगी दूर करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लाइव आकर 12 वी के छात्रों को भरोसा दिलाया है कि छात्रों की योग्यता के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। जो छात्र अपने परिणाम से असंतुष्ट होंगे उनके पास वैकल्पिक परीक्षा देने का ऑप्शन रहेगा और संभवतः यह परीक्षा अगस्त मे होगी।
निशंक ने अपने संदेश में कहा, कि प्रधानमंत्री ने छात्रों के स्वास्थ्य व हित को ध्यान में रखकर परीक्षा रद्द करने का फैसला किया उनका आभारी हूँ। मैं सुप्रीम कोर्ट का भी आभारी हूं कि उनसे अपना निर्णय CBSE के प्रस्ताव के अनुरूप दिया केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक के इस लाइव सेशन के बाद से उन छात्रों और अभिभावकों ने राहत की सांस की है जिनको CBSE के मार्किंग सिस्टम पर आपत्ति थी कि उनका रिजल्ट योग्यता अनुरूप नहीं आ पाए।