Bihar STET पास शिक्षक अभ्यर्थी नहीं बन पाएंगे प्रधानाध्यापक ! जाने क्या है मामला ?

डेस्क : बिहार सरकार ने उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक और प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक पद पर कमीशन से डायरेक्ट नियुक्ति करने का फैसला किया है। इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इस अधिसूचना के मुताबिक माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2011 पास कर हाईस्कूल शिक्षक के रूप में कार्यरत काफी संख्या में शिक्षक सेवा अवधि के कारण प्रधानाध्यापक नहीं बन सकेंगे। राज्य सरकार की ओर से सरकारी विद्यालयों के उच्च माध्यमिक शिक्षकों हेतु आठ वर्ष और माध्यमिक शिक्षकों के लिए दस वर्ष की अनवरत सेवा को अनिवार्य बनाया है। यह जानने परन एसटीईटी पास शिक्षकों में हल-चल बढ़ गयी है।

2011 पात्रता परीक्षा में पास शिक्षकों ने राज्य शिक्षा विभाग से नियमों में ढील देकर सेवा अवधि कम करने का अनुरोध किया गया है। इस संबंध में मुकेश कुमार और मौसमी कुमारी सहित कई अन्य शिक्षकों द्वारा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है। शिक्षकों ने तर्क देते हुए कहा कि सर्वप्रथम एसटीईटी का आयोजन 2012 में किया गया और 2013 उत्तीर्ण शिक्षक नियुक्त किए गये। ऐसे तमाम शिक्षक सरकार की अभी के नियम के आधार पर प्रधानाध्यापक नहीं बन सकेंगे। साथ ही प्राथमिक स्कूलों के प्रधान शिक्षक को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। नियम के अनुसार मध्य विद्यालय शिक्षकों को ये पद के लिए सेवा संपुष्ट ही काफी है, वहीं प्राथमिक शिक्षकों हेतु 8 साल की निरंतर सेवा निर्धारित की गयी है। शिक्षकों की माने तो इसमें समानता रखनी चाहिए।

इसलिए कि सेवा संपुष्टि तो 2 वर्ष में ही हो जाती है। एक ओर 2 साल तो वहीं दूसरी श्रेणी के लिए 8 साल की बाध्यता रखना अनुचित है। सूत्रों के मुताबिक विभाग के द्वारा शिक्षकों की गुहार पर सुनवाई नहीं हुई तो इनकी तरफ से कोर्ट की दरवाजा खटखटाने की तैयारी भी चल रही है।