#बिहार : पिता फेरी लगाकर बेचते थे कपड़े, बेटा बना IAS

डेस्क : यूपीएससी 2020 के परिणाम घोषित किए जा चुके हैं, बता दें कि बिहार के कई ऐसे मेधावी छात्र हैं जिन्होंने इस बार UPSC परीक्षा में बाजी मारी है। ऐसे में किशनगंज शहर के नेपालगढ़ कॉलोनी के एक युवा का नाम इस वक्त काफी चर्चा में आ रहा है। इस युवा ने UPSC में चयनित होकर अपने परिवार को गर्वान्वित महसूस करवाया है। इस युवा का नाम अनिल बसाक है। अनिल बसाक अब आईएएस अधिकारी बन गए है। बता दे की उनका यह तीसरा अटेम्प्ट था, पहले एटेम्पट में उन्होंने प्रीलिम्स क्वालीफाई नहीं किया था।

लेकिन दूसरे एटेम्पट में उनको 616 रैंक मिली थी। ऐसे में जब उन्होंने तीसरा प्रयास दिया तो उन्होंने 45 अंक हासिल करके दुनिया को दिखा दिया कि वह सर्वश्रेष्ठ अभियर्थियों में से एक हैं। अनिल बसाक की जिंदगी इतनी आसान नहीं है। बता दें कि उनका परिवार दो वक्त के खाने के लिए तरसता है। उनके पिताजी गांव-गांव में कपड़ों की फेरी लगाकर कपड़ा बेचते हैं। अनिल बसाक के चार भाई हैं। अनिल उसमें से दूसरे नंबर पर आते हैं, अनिल के पिताजी की आर्थिक हालत बिल्कुल भी सही नहीं है। उनका परिवार आर्थिक तंगी से अक्सर ही जूझता रहता है। फिलहाल उन्होंने यूपीएससी की सर्वश्रेष्ठ परीक्षा देकर दुनिया को दिखा दिया है कि वह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति बदलने का दमखम रखते हैं। आईएस बनने का जुनून अनिल के सिर पर कुछ इस प्रकार सवार था कि उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और लगातार यूपीएससी परीक्षा देते रहे।

अनिल बसाक ने 2014 में आईआईटी दिल्ली में एडमिशन लिया था। बता दें कि वह शुरू से ही पढ़ने में होनहार थे, जिसके चलते उनकी यह प्रतिभा सुभाष वर्मा सर और जयशंकर सर ने देखी। दोनों ने मिलकर अनिल बसाक को कहा कि तुम यूपीएससी की परीक्षा दो। ऐसे में अनिल ने दिल लगाकर पढ़ाई की और आज वह एक आईएएस अधिकारी बन गए हैं। बता दें कि अनिल ने अपनी जिंदगी की शुरुआती पढ़ाई किशनगंज शहर के ओरिएंटल पब्लिक स्कूल से की है। साल 2011 में वह अररिया पब्लिक स्कूल से मैट्रिक पास किए थे। बारहवीं कक्षा उन्होंने सेकेंडरी स्कूल किशनगंज से पूरी की है। जब अनिल को यह पता चला कि वह पास हो गए हैं तो उन्होंने अपने घर पर टेलीफोन मिलाया। फोन पर उन्होंने यह खुशखबरी सबको दी। अब घर पर सब लोग खुशियां मना रहे हैं।