लगातार प्रयास के बाद चौथी बार UPSC परीक्षा देकर पूरा किया IAS बनने का सपना, पढ़ें दीपांकर चौधरी की संघर्ष भरी कहानी

डेस्क : यूपीएससी की परीक्षा में हर कोई सफलता पाना चाहता है, लेकिन इस परीक्षा में सफलता पाना इतना आसान नहीं है बता दें कि मेधावी छात्र भी इस परीक्षा में घुटने टेक देते हैं आज हम आपको एक ऐसे आईएएस अफसर की कहानी बताने वाले हैं जिसको जानकर आप अंदर से मोटिवेट महसूस करेंगे। दीपांकर चौधरी (Dipankar Choudhary) ने अपनी शुरुआती पढ़ाई झारखंड से की है और उसके बाद की पढ़ाई दिल्ली से की है।

जब उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरू की थी तो उनको सफलता हाथ नहीं लगी थी। उन्होंने अपना ग्रेजुएशन 2016 में पूरा किया था। उन्होंने UPSC की पहली परीक्षा 2017 से देनी शुरू की थी। पहला प्रयास में वह कुछ ख़ास नहीं कर पाए थे। इसके बाद उन्होंने हार ना मानते हुए दूसरा प्रयास दिया लेकिन वहां भी उनको निराशा झेलनी पड़ी। इसके बाद तीसरे प्रयास में उनको 166वीं रैंक मिली, जिसके साथ ही उनको आईपीएस कैडर मिला और उन्होंने तुरंत नौकरी पकड़ ली। नौकरी पकड़ने के साथ वह ढीले नहीं पड़े और अपनी आईएस की तैयारी जारी रखी।

जब उन्होंने अपना चौथा प्रयास दिया तो उसमें उनको आल इंडिया 42वी रैंक हासिल हुई। 42वी रैंक प्राप्त होते ही उनको आईएस कैडर मिल गया। ज्यादा जानकारी के लिए बता दें कि दीपांकर चौधरी ने लगातार अपनी गलतियों पर काम किया और उनको सुधारा। इस प्रकार उन्होंने अपनी मनचाही नौकरी पाली। बता दें कि वह कभी भी किताबों को देखकर तनाव में नहीं जाते थे, वह हमेशा से ही फेमस राइटर की किताबों को पढ़ते थे और लगातार उनके बारे में चर्चा किया करते थे। वह सभी अभियार्थियों को रोजाना अखबार पढ़ने और मंथली मैगजीन को रिवाइज करने की सलाह देते हैं। ऐसे में उन्होंने कहा कि हमेशा ही टॉपर्स के एग्जाम पेपर्स को पढ़ते रहे। लगातार रिविशन करना बेहद ही आवश्यक है।