जैसा कि आप सभी जानते होंगे हमारे देश में वित्तीय वर्ष अप्रैल महीने से शुरू होता है। साल 2024 का भी वित्तीय वर्ष आने वाला है। जिसके साथ आधिकारिक रूप से टैक्स सीजन (Income Tax) भी शुरू हो जाएगा। अप्रैल महीने से ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पिछले साल के रिटर्न की समीक्षा करती है।
साथ ही कर छोरी के मामलों के संदेह के बारे में लोगों को सूचित भी करती है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कर चोरी से संबंधित चीजों को लेकर लोगों के घर नोटिस भेजती हैं। आईए जानते हैं इस नोटिस के बारे में विस्तार से।
क्या है नोटिस भेजेने के पीछे का कारण
आयकर विभाग का मूल सिद्धांत है कि वह टैक्स चोरी को पकड़े। इसके लिए इनकम टैक्स विभाग कई तरह की काम करती है। कोई व्यक्ति अपनी आय छुपा सकता है। लेकिन वह अपने खर्च और निवेश को छुपा नहीं सकता है। इसलिए, आयकर विभाग ने वित्तीय लेन-देन विवरण (SFT) नामक एक प्रणाली लागू की है जो करदाताओं के खर्च और निवेश की निगरानी करती है।
इस प्रणाली में विभिन्न प्रकार के लेन-देन के लिए अलग-अलग सीमा निर्धारित की गई है और अगर किसी लेन-देन की सीमा से अधिक होती है, तो उसकी जानकारी संबंधित इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को पहुंचाई जाती है।
इनकम टैक्स को जाकारी कहाँ से मिलती है
विभाग को पैन, मोबाइल नंबर और आधार के जरिए वित्तीय लेनदेन की जानकारी भी प्राप्त होती है, जिसका उपयोग लगभग हर बड़े लेन-देन में होता है। उदाहरण के लिए, किसी व्यक्ति को दोपहिया वाहन के अलावा अन्य वाहन की खरीद या बिक्री, बैंक खाता खोलना, डीमैट खाता खोलना, क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करना या जमा करना, बीमा प्रीमियम भुगतान करना, म्यूचुअल फंड खरीदना या 50,000 रुपये से अधिक की बांड खरीदना के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता होती है।
40,000 से अधिक टीडीएस कटा जायेगा
यदि किसी किरायेदार को संपत्ति से किराया प्राप्त होता है, तो उसे पैन नंबर प्रदान करना होगा। टीडीएस (TDS) भी करदाताओं की आय पर नजर रखने का एक तरीका है। बैंक या पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट, संपत्ति खरीद, और अन्य मामलों में एक साल में ब्याज 40,000 रुपये से अधिक होने पर टीडीएस काटा जाता है।
इसलिए, आपको समझना आवश्यक है कि यदि आपको इनकम टैक्स नोटिस मिलता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपने कोई गलती की है, बल्कि यह आयकर विभाग की सतर्कता और करदाताओं की निगरानी का हिस्सा है। यदि आपके पास सही विवरण और दस्तावेज हैं, तो आपको कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। आपको निरंतर अपनी आयकर संबंधी दाखिलों को सुधारते रहना चाहिए और सभी संदर्भित नियमों का पालन करना चाहिए।