कहां से Loan लेना होगा बेहतर? साहूकार या बैंक?.. आंकड़ों में समझिए

Loan : भारत एक कृषि प्रधान देश है और इसमें अधिकतर लोग आर्थिक रूप से कृषि और छोटे व्यवसायों पर ही निर्भर हैं। ऐसे में देश की 31% जनसंख्या मध्यम वर्ग में आती है और 58 से 60% जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। लेकिन देखा जाए तो सभी व्यवसाय और कृषि भी लोन पर ही निर्भर है।

खेती करने के लिए किसान को लोन चाहिए तो व्यापारियों को व्यवसाय करने के लिए लोन की जरूरत पड़ती है। हालांकि नौकरी करने वालों को भी आपातकालीन स्थिति में लोन लेने की जरूरत की पड़ती है और लोन लेने के प्रमुख दो ही स्रोत हैं, जिनमें पहला बैंक और दूसरा साहूकार और ग्रामीण क्षेत्रों और टियर III और IV शहरों के लोग दूसरे विकल्प को चुनना आसान मानते है।

निजी साहूकारों ने उठाया फायदा

कुछ सालों पहले तक गांव या छोटे शहर के लोग अपने निजी साहूकार या सेठ के पास जल्दी पैसा प्राप्त करने की उम्मीद से जाते थे या गांव के निजी साहूकार पर भरोसा करते थे, इस बारे में सोचते हुए कि उनसे संपर्क करना आसान है।

यह ऐसा समय था जब गांव में बैंकों की पहुंच नहीं थी और अन्य वित्तीय संगठनों से कई ग्रामीण और छोटे शहर के इलाके अछूते थे। इस बात का फायदा निजी साहूकारों ने उठाया और ब्याज दर में मनचाही बढ़ोतरी की व अविश्वसनीय समय सीमाएं निर्धारित की।

ब्याज दर के मामले में बैंकों को निजी साहूकारों के बदले चुनने के पीछे सबसे बड़ा कारण व्यापारिक समयबद्धता थी। साहूकारों से ब्याज लेने पर वह समय-समय पर ब्याज दर में बदलाव नहीं करते बल्कि एक ही दर को बड़ा कर लोन देते हैं। जबकि बैंक निरंतर नियमित विनियमन के तहत कार्य करता है और उचित ब्याज दर आपसे लेता है। इसके अलावा बैंक लोन वापस करने के लिए अधिक समय आपको देता है जिससे ब्याज दर का बोझ आपके ऊपर कम पड़ता है।

सरकारी योजनाओं से वंचित

इसके अलावा जब कोई व्यक्ति निजी साहूकारों से लोन लेता है तो उसे किसी भी सरकारी योजना का फायदा नहीं मिल पाता है। जबकि बैंक से लोन लेने पर आपको अतिरिक्त सेवाओं के रूप में सरकारी योजनाओं का फायदा मिल सकता है।

जब आप बैंक से लोन लेते हैं, तो आपको फसल बीमा, व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा और सरकार द्वारा किसानों और अन्य लोन लेने वालों को प्रदान किए जाने वाले अन्य विशेष प्रस्तावों से लाभ मिलता है। लेकिन कोई निजी साहूकार आपको यह सुविधा नहीं देता है और आप सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं ले पाते हैं।

कम जोखिम भी शामिल

बड़े लोगों का मानना है कि, लोन वित्तीय जाल हो सकता है, लेकिन यह बात हमेशा सही भी नहीं होती है। बैंकिंग एक्सपर्ट और सही बैंक के सीईओ कमलजीत सिंह रस्तोगी कहते हैं कि लोन जाल वहीं होता है जहां आपका लोन दाता एक निजी साहूकार होता है, बैंक नहीं। बैंक सच में आपका लोन के जोखिम को कम करने में मदद करता है।