आखिर PRAN Card और PAN Card में क्या अंतर होता है? यहां जानें डिटेल्स –

न्यूज़ डेस्क: आज के समय में किसी भी सरकारी या गैर सरकारी काम करवाने के लिए आपके पास कुछ आवश्यक कागजात होनी चाहिए। इसी कड़ी में एक प्रमाण पत्र PRAN ( Permanent Retirement Account Number) भी है।

इसमें एक 12 डिजिट का नंबर जबकि पैन कार्ड में 10 डिजिट का नंबर होता है। इसके काम करने के तरीके पैन कार्ड से अलग है। यह देश के हर नागरिक के पास होना चाहिए। यह उन लोगों की पहचान करती है जिनका नाम राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत पंजीकृत है।

PRAN नंबर प्राप्त करने के बाद, NPS अभिदाताओं के पास PRAN कार्ड प्राप्त करने का विकल्प होता है। NPS में PRAN बहुत महत्वपूर्ण है। केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए PRAN कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। आप इसके लिए नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। वहीं PAN कार्ड का इस्तेमाल इनकम टैक्स से जुड़ी जानकारी के लिए किया जाता है। आप भी बिना पैन कार्ड के टैक्स नहीं भर सकते।

इस तरह करता है काम

प्रान कार्ड प्राप्त करने के बाद, एनपीएस अभिदाता अपने प्रान कार्ड की भौतिक प्रति ले सकते हैं। PRAN कार्ड एक तरह से Unique ID की तरह काम करता है। इस वजह से ग्राहक इसमें बदलाव नहीं कर सकते हैं। आप अपने PRAN कार्ड के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं।

इस प्रकार करें PRAN Number पता

एनपीएस लॉगिन पोर्टल पर जाएं और यदि आपके पास पहले से ही प्रान कार्ड है तो मौजूदा ग्राहकों के लिए लॉगिन विकल्प पर क्लिक करें। आप अपने एनपीएस खाते में लॉग इन करने के लिए प्रान कार्ड या एनपीएस खाता पासवर्ड पर उल्लिखित स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या का उपयोग कर सकते हैं।