रजिस्‍ट्री कराते समय इन बातों का रखें ध्‍यान, बिल्‍डर नहीं कर पाएंगे धोखाधड़ी, सस्‍ती भी हो जाएगी प्रॉपर्टी?

डेस्क: इस बार मकानों की बिक्री जबरदस्त हुई है, प्रॉपर्टी परामर्श फर्म नाइट फ्रैंक ने हाल में अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए इस बात का खुलासा किया है। जिसके बाद ये जाहिर है कि प्रॉपर्टी बाजार की रौनक लौट रही है। तो यदि आप भी जमीन या मकान की Registery कराने की तैयारी में हैं तो इस खबर को जरूर पढ़ें। आपको ये जानना जरूरी है रजिस्ट्री करते समय आपको किन किन बातों का ध्यान रखना होगा।

मालूम हो कि जमीन या मकान की Registery एक कानूनी प्रक्रिया है। और कोई भी खरीदार को उस प्रोएपर्टी का मालिक उसके नाम कर देता है। कानून के तहत इस प्रक्रिया में उस प्रॉपर्टी का स्‍थायी मालिकाना हक मिलता है। तो जाहिर से बात है इसमें दस्तावेजों की जरूरत भी होगी। तो ये आपको पता होना चाहिए कि रजिस्‍ट्री के समय विक्रेता की ओर से दिए गए डॉक्यूमेंट्स सही हों।

मालिक की खोज जरूरी
ये बात पता कर ले की जो व्यक्ति आपको जमीन बेच रहा है, वो ही जमीन का असली मालिक है। इसके लिए आप वकील या पेशेवर की मदद लीजिए। पर अच्छा ये होगा कि आप किसी वकील के पास जाएं ताकि सेल्स डीड और प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदों की जांच हो जाए। इसके जरिये संपत्ति के बारे में पिछले 30 साल का ब्‍योरा जुटा सकते हैं।

जांचे पॉवर ऑफ अटॉर्नी
ऐसा होता है कि कई बार जमीन या प्रॉपर्टी की बिक्री पॉवर ऑफ अटॉर्नी के जरिये मिलती। और इन मामलों में धोखाधड़ी सबसे ज्‍यादा होती है। तो ऐसे में किसी पेशेवर की मदद से आप ये जांच ले कि आपको वही प्रॉपर्टी बेची जा रही जिसका उल्‍लेख पॉवर ऑफ अटॉर्नी में है। इस प्रक्रिया में कई दस्‍तावेजों की अदला-बदली होती है, जो लंबी प्रक्रिया है। इसीलिए ये बढ़िया होगा कि आप इससे बचने के लिए अपनी ओर से किसी को अधिकृत कर सकते हैं।

जांचे ये दस्तावेज
टाइटल डीड :
साथ ही सांसे पहले ये दकेना जरूरी है कि आप किस प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवा रहे हैं, ये उसी के नाम है न जो जमीन बेच रहा है।

एनओसी : किसी संपत्ति के साथ आपको नो ऑब्‍जेक्‍शन सर्टिफिकेट यानी एनओसी मिलता है, जो यह बताता है कि आपकी यह संपत्ति किसी भी अन्‍य डेवलपर या बिल्‍डर से संबंधित नहीं है।

मांगे टैक्स की रसीद: अगर आप संपत्ति पर चुकाए गए टैक्‍स की जानकारी मांगते हैं तो इससे यह सुनिश्चित हो जाता है कि वह प्रॉपर्टी सरकारी दस्‍तावेज में भी उल्लिखित है। इसमें यह भी पता चल जाएगा कि उस संपत्ति पर पिछले किसी कर या भुगतान का बकाया नहीं है।