शानदार मौका! बिल्कुल मुफ्त में शुरू करें ये बिजनेस, हर रोज होगी ₹5000 की कमाई, जानिए डिटेल में..

डेस्क : जब से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू हुआ है तब से प्रदूषण जांच केंद्र का कारोबार तेजी से बढ़ा है। अब हर व्यक्ति अपने वाहन के प्रदूषण की जांच करवा रहा है। ऐसे में प्रदूषण जांच केंद्र खोलकर मोटी कमाई की जा सकती है। जानकारों का कहना है कि प्रदूषण जांच केंद्र खोलकर रोजाना 5000 रुपये तक की कमाई आसानी से की जा सकती है. इसे खोलना काफी आसान है।

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इसके लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है। इसके अलावा इस सेंटर के लिए ओपनिंग स्पेस और कुछ उपकरणों की जरूरत होती है। इन सबके लिए किसी बड़े निवेश की जरूरत नहीं है। इसलिए इस व्यवसाय को कम निवेश में शुरू करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। अगर आपके मन में इस बिजनेस को शुरू करने की इच्छा है तो पहले यहां से पूरी जानकारी लें, फिर स्टेप बाई स्टेप इसे ओपन करें। अगर आप पूरी जानकारी को ध्यान से पढ़ेंगे तो आप आसानी से अपना वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोल सकेंगे।

वाहन प्रदूषण प्रमाण पत्र 3 से 6 महीने के लिए बनते हैं वाहन प्रदूषण प्रमाण पत्र आमतौर पर 3 से 6 महीने के लिए बनाए जाते हैं। वाहन प्रदूषण प्रमाण पत्र का समय अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होता है। इसी तरह की फीस भी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती है। लेकिन अगर किसी ने अपने वाहन का प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं लिया है तो 10,000 रुपये का चालान तय है.

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लाइसेंस कैसे प्राप्त करें : प्रदूषण जांच केंद्र किसी भी पेट्रोल पंप या ऑटोमोबाइल वर्कशॉप के पास खोला जा सकता है। प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) से लाइसेंस लेना होता है। इसे दो तरह से लागू किया जा सकता है। पहला तरीका है आरटीओ ऑफिस में जाकर आवेदन करना। कई राज्यों में इसके लिए अब आरटीओ भी ऑनलाइन लिया जा रहा है, ऐसे में इन राज्यों में ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। शपथ पत्र प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए आवेदन के साथ एक शपथ पत्र देना होता है। यह शपथ पत्र 10 रुपये के स्टांप पेपर पर देना होता है। इसमें प्रदूषण जांच केंद्र चलाने की शर्तें लिखी होती हैं। इसके अलावा आपको स्थानीय प्रशासन से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी लेना होगा।

कितना देना है : शुल्क प्रदूषण परीक्षण केंद्र खोलने का शुल्क हर राज्य में अलग-अलग होता है। इसलिए आवेदन के समय ही आरटीओ कार्यालय से इसका पता लगाया जा सकता है। लेकिन यह 10,000 रुपये से अधिक नहीं है। जहां तक ​​दिल्ली की बात है तो यह 5000 रुपये है। प्रदूषण परीक्षण केंद्र के लिए दिल्ली और कश्मीर की फीस दिल्ली में शुल्क – आवेदन शुल्क – 5000 रुपये – वार्षिक शुल्क – 5000 रुपये जम्मू-कश्मीर के लिए – सुरक्षा जमा – 10 हजार रुपए – शुल्क – 7 हजार रुपए – वार्षिक शुल्क – 3 हजार रुपए प्रदूषण

परीक्षा केंद्र खोलने के लिए कितनी जगह चाहिए : प्रदूषण परीक्षण केंद्र के केबिन का आकार 2.5 मीटर लंबा, 2 मीटर चौड़ा, 2 मीटर ऊंचा होना चाहिए। वहीं, ये पीले रंग के केबिन में होना चाहिए। साथ ही उस पर प्रदूषण केंद्र का लाइसेंस नंबर लिखा होना चाहिए। देश में कोई भी व्यक्ति, फर्म, समाज और ट्रस्ट प्रदूषण जांच केंद्र खोल सकता है। हालांकि कुछ राज्यों में इसे सिर्फ कंपनी के तौर पर ही खोला जा सकता है।

प्रदूषण जांच केंद्र खोलने की पात्रता : प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए आपके पास automobile engineering, motor mechanics, auto mechanics, scooter mechanics, diesel mechanicsmechanics या औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से सर्टिफिकेट होना चाहिए। प्रदूषण परीक्षण केंद्र को इन उपकरणों की आवश्यकता है computer usb webcam inkjet printer बिजली की आपूर्ति इंटरनेट कनेक्शन धुआं विश्लेषक होना चाहिए।

ये हैं प्रदूषण जांच केंद्र से जुड़े नियम व शर्तें : प्रदूषण जांच केंद्र को वाहनों को प्रिंटेड सर्टिफिकेट देना होगा। इसमें सरकार की ओर से जारी स्टीकर लगाया जाता है। सरकार प्रदूषण जांच केंद्र से प्रत्येक स्टिकर के लिए अलग से 2 रुपये चार्ज करती है। प्रदूषण जांच केंद्र पर आने वाले हर वाहन को 1 साल तक डिटेल रखनी होती है। इसके अलावा प्रदूषण जांच केंद्र का लाइसेंस वाला व्यक्ति ही इसे चला सकता है।