आज से करीब 7 साल पहले 8 नवंबर 2016 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीवी में आकर ₹1000 और ₹500 के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था और उस रात 8:00 बजे से एक हजार और ₹500 के नोट बंद कर दिए गए थे। उसके बाद में ₹2000 के नए नोटों का बाजार में चलन शुरू हो गया था। लेकिन 7 साल बाद फिर से मोदी सरकार ने ₹2000 के नोटों को भी बंद कर दिया है और अब बाजार में ₹500 से अधिक की करेंसी नहीं है।
अभी सोशल मीडिया में यह खबर काफी तेजी से फैल रही है कि भारत सरकार और रिजर्व बैंक फिर से ₹1000 के नोट लाने वाली है। इस खबर पर भारतीय रिजर्व बैंक ने भी अपनी बात रखी है और सब कुछ मीडिया को बता दिया है।
जैसे ही रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने ₹2000 के नोट बंद किए थे, उसके बाद से लगातार लोगों ने अपने ₹2000 के नोट बैंक में जमा करने शुरू कर दिए थे और आज तक 87% राशि वापस बैंकों में जा पहुंची है। लेकिन अभी भी एक काफी मोटी रकम लगभग 10,000 करोड रुपए बाजार में ही है जो कि अभी बैंक को में नहीं आए हैं तथा न ही वह बाजार में चलने के लिए योग्य है।
रिजर्व बैंक ने दिया बड़ा बयान
एक हजार रुपए के नोट को लेकर चल रही इन बातों पर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने भी अपनी बात रखी है। रिज़र्व बैंक आफ इंडिया का कहना है कि वह अभी एक हजार रुपए के नोटों को वापस लाने का कोई प्लान नहीं बना रही हैं और भविष्य में भी उनका फिर से ₹1000 का नोट लांच करने का कोई इरादा नहीं है। इन बातों से साफ पता चल रहा है कि अब बाजार में हजार रुपए का नोट वापस नहीं आएगा और ₹2000 का नोट भी अब बंद हो चुका है।