RBI MPC Meeting : फिर बढ़ेगी महंगाई या फिर घटेगी EMI का बोझ? जानिए RBI की प्लानिंग

देश में सामानों के बढ़ते दामों ने सरकार के महंगाई (Inflation) कम करने के प्रयास पर पानी फेर दिया है। भारत में महंगाई (Inflation) अभी भी आम आदमी के लिए चिंता की लकीर खींच रहा है। आम जन बढ़ते महंगाई (Inflation) से काफी परेशान है। हालांकि इसी बीच भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ (Economic Growth) 6.3 फीसदी रहने के अनुमान पर वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने अपनी मुहर लगा दी है। यह देश के लिए एक सुखद खबर है। लेकिन महंगाई (Inflation) पर लगाम लगाना अभी भी सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है।

आरबीआई के मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक (RBI Monetary Policy Meeting) इसी विषय पर केंद्रित रहने का अंदेशा है। विशेषज्ञों की मानें तो भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) इस बात पर मंथन करेगा कि देश के अंदर महंगाई (Inflation) से कैसे निपटा जाए? इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जा सकता है। बैठक से पहले एक बड़ा सवाल उभर कर सामने आ रहा है क्या मॉनेटरी पॉलिसी (Monetary Policy) की बैठक में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) रेपो रेट (Repo Rate) में बदलाव का ऐलान कर सकती है?

इस बात पर चर्चा इस कारण भी है क्योंकि इससे पहले भी बैंक रेगुलेटरी बॉडी आरबीआई (Bank Regulatory RBI) ने रेपो दर (Repo Rate) में लगातार वृद्धि की थी।

रिजर्व बैंक (Reserve Bank) की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक (Monetary Policy Meeting) आज से ( अक्टूबर 4, October 4) से शुरू हो रही है। यह बैठक (Monetary Policy Meeting) 6 अक्टूबर तक चलेगी। मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक (Monetary Policy Meeting) में महंगाई दर (Inflation Rate), जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth), रेपो रेट (Repo Rate) इत्यादि विषय पर चर्चा होने की संभावना है। आज से शुरू हो रहे है इस बैठक की अध्यक्षता रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Bank Shaktikant Das) कर रहें हैं।

आरबीआई मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक (RBI Monetary Policy Meeting) ईएमआई (EMI) देने वाले लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। खैर इसकी महत्व तो पूरे देश के लिए है लेकिन ईएमआई भरने वाले लोगों पर इसका डायरेक्ट प्रभाव होता है। अगर आरबीआई रेपो रेट (RBI Repo Rate) में बढ़ोतरी करती है तो लोगों को ज्यादा ईएमआई (EMI) देना पड़ेगा।