सावधान! RBI ने इन 4 बड़े Bank पर लगाए प्रतिबंध, अब पैसा निकालना हुआ मुश्किल.. जानें –

डेस्क : देश में अभी तक सरकारी बैंक की नौकरी सबसे अच्छी मानी जाती थी, लेकिन अब सरकारी बैंक में कर्मचारियों की संख्या घट रही है और प्राइवेट बैंकों में कर्मचारियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सरकारी बैंकों में कर्मचारियों की संख्या सैकड़ों में नहीं हजारों में कम हुई है। ऐसे में अगर कोई सरकारी बैंक के साथ जुड़कर अपना कॅरियर बनाने की सोचा रहा है, तो उसके लिए अब मौके कम हो रहे हैं।

यदि बीते 5 साल के आंकड़ों पर बात करें तो सरकारी बैंकों में 50 हजार से ज्यादा कर्मचारी कम हुए हैं। वहीं प्राइवेट बैंकों में 1.13 लाख कर्मचारी बढ़ गए हैं। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संगठन की रिपोर्ट के मुमुताबिक साल 2018 में 21 सरकारी बैंकों में कुल 8.44 लाख कर्मचारी थे। इसके बाद 2022 में कम होकर 7.94 लाख बचे हैं। साल 2018 में 21 प्राइवेट बैंकों में 4.20 लाख कर्मचारी थे वहीं 2021 में इनकी संख्या बढ़कर 5.34 लाख हो गई।

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में बीते 5 साल में सबसे ज्यादा 19,791 कर्मचारी कम हुए हैं। इनकी संख्या 2.64 लाख से कम होकर अब 2.44 लाख बची है। एक रिर्पोट के अनुसार, कुछ प्राइवेट बैंकों ने 2022 का आंकड़ा उपलब्ध कराया है जिनमें निजी क्षेत्र के सबसे बड़े एचडीएफसी बैंक में कर्मचारियों की संख्या इस दौरान करीब 21 हजार और एक्सिस बैंक में 7.5 हजार बढ़ी है।

दरअसल, जानकारों ने मुख्य रूप से इसकी 3 वजहें बताई हैं। इसमें पहली है बैंक शाखाओं का मर्जर- इसके चलते सरकारी बैंकों की शाखाएं कम हुईं हैं। वहीं दूसरी वजह- बैंकों का मर्जर माना जा रहा है। करीब आधा दर्जन बैंकों का मर्जर हुआ है। इसके चलते कई बैंक शाखाएं बंद हुई हैं और शाखाएं कम होने से कर्मचारियों की संख्या में भी कमी आई है। इसके अलावा तीसरा कारण – आउटसोर्सिंग को बताया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि अपने खर्च कम करने के लिए सरकारी बैंक आउटसोर्सिंग का सहारा ले रहे हैं।