डेस्क : देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय रिजर्व बैंक यानी कि आरबीआई ने एक और बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इस बैंक का लाइसेंस 18 जून 2022 को रद्द कर दिया गया है जिससे यहां सामान्य बैंक की तरफ काम नहीं कर पाएगा। यानी कि सोमवार से लोग अब इससे बैंकिंग कार्य नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा आरबीआई ने कर्नाटक के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का आदेश जारी किया।
दरअसल, आरबीआई का कहना है कि बैंक के पास इतनी पूछी नहीं थी कि वह सामान्य रूप से अपना कारोबार कर सके। ऐसे में अब इस बैंक में जमा लोगों का पैसा भी फस गया। आपको बता दें कि कर्नाटक के मिथिल को ऑपरेटिव बैंक है जो आरबीआई द्वारा बंद किया जा रहा है। आरबीआई के मुताबिक बैंक के पास पर्याप्त जमा पूंजी नहीं और कमाई की संभावनाएं नहीं है। आरबीआई के मुताबिक बैंक का लाइसेंस इसमें उपयुक्त पूंजी और कमाई की क्षमता का अभाव है जिसके चलते ऐसा किया गया है। साथ ही आरबीआई का कहना है कि सामान्य रूप से इस बैंक का कामकाज जारी रखना जमा कर्ताओं के लिए हानिकारक हो सकता है।
देश के सबसे बड़े बैंक ने बताया कि इस बैंक से खाताधारकों का पैसा आप डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन से क्लेम करके मिलेगा। हालांकि यह ध्यान रखना होगा कि खाताधारकों का पूरा जमा पैसा वापस नहीं मिलेगा। यदि किसी जमा करता का ब्याज के साथ पैसा 5 लाख से ऊपर होता है तो उसे ₹5 लाख ही मिलेंगे। वहीं अगर पूरा पैसा₹5 लाख तक है तो उसे पूरा पैसा वापस मिलेगा।
आपको बता दें कि आरबीआई से पहले थी शंकरराव पूजारी नूतन नगरी सहकारी बैंक पर भी कार्रवाई कर चुका है जो महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित है। इसके अलावा कर्नाटक के मुधाल को ऑपरेटिव बैंक लिमिटिड, बागलकोट का लाइसेंस भी आरबीआई रद्द कर चुका है। वहीं फलटन स्थित यशवंत को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुम्बई स्थित कोंकण मर्केंटाइल को ऑपरेटिव बैंक और कोलकाता स्थित क्षमता को ऑपरेटिव डेवलपमेंट बैंक पर जुर्माना भी लगा चुका है।