IOC की बेहतरीन पहल – अब सिलेंडर में बिना गैस के भी पकेगा खाना, जानें – सोलर चूल्हा के बारे मे..

Solar Cooking System : सरकार की ओर से इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने एक खास तरह का सोलर स्टोव लॉन्च किया है। इस चूल्हे का नाम सूर्य नूतन रखा गया है। यह चूल्हा पूरी तरह सौर ऊर्जा से चलेगा। इससे खाना पकाने के लिए किसी तरह के ईंधन की जरूरत नहीं पड़ेगी। न लकड़ी न गैस। यह चूल्हा सूरज की किरणों से चार्ज होगा और खाना बनाएगा। चूल्हे की सबसे खास बात यह है कि इसे किचन में भी रखा जा सकता है।

यह सोलर कुकर से बिल्कुल अलग है जिसे पकाने के लिए धूप में रखना पड़ता है। सूर्य नूतन को खरीदने के लिए एक बार पैसा खर्च करना होगा और बाद में कोई मेंटेनेंस चार्ज नहीं लगेगा। इस चूल्हे को बचाने के साथ ही प्रदूषण की समस्या से भी निजात मिलेगी। सूर्य नूतन चुल्हा रिचार्जेबल है और इनडोर खाना पकाने के स्टोव का उपयोग किया जाता है। इस चूल्हे को जैविक ईंधन का सबसे अच्छा विकल्प बताया जा रहा है।

इस चूल्हे को दिल्ली में तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी के आवास पर लॉन्च किया गया। इस चूल्हे पर तीन बार खाना पकाया और परोसा गया। इस मौके पर मौजूद आईओसी के निदेशक (आरएंडडी) एसएसवी रामकुमार ने कहा कि सूर्य नूतन सोलर कुकर से बिल्कुल अलग है क्योंकि इसे धूप या धूप में रखने की जरूरत नहीं है। सूर्य नूतन चूल्हा फरीदाबाद स्थित आईओसी के अनुसंधान एवं विकास प्रभाग में तैयार किया गया है।

सौर स्टोव की विशेषताएं : यह चूल्हा हमेशा किचन में रखा जाता है और इसे धूप में निकालने की कोई जरूरत नहीं है। सूर्य नूतन से जुड़ी एक केबल होती है जो छत पर लगे सोलर प्लेट से जुड़ी होती है। सोलर प्लेट से उत्पन्न ऊर्जा केबल के माध्यम से चूल्हे तक आती है। यह ऊर्जा गर्मी पैदा करती है, जो खाना बनाती है। सोलर प्लेट सूर्य की किरणों को अवशोषित कर उसे ऊर्जा में बदल देती है।

यह ऊर्जा ऊष्मा में परिवर्तित हो जाती है और ताप चूल्हे के ताप तत्व को गर्म करती है। पहले सौर ऊर्जा से उत्पन्न ऊर्जा को थर्मल बैटरी में संग्रहित किया जाता था। यही ऊर्जा बाद में रसोई में रखे चूल्हे पर खाना बनाने में मदद करती है। दिन में ली जाने वाली सौर ऊर्जा न केवल दिन में खाना बनाती है, बल्कि थर्मल बैटरी में जमा ऊर्जा रात में भी खाना बना सकती है। इस चूल्हे पर चार लोगों के परिवार के लिए तीन भोजन आराम से तैयार किया जा सकता है।

चूल्हे की कीमत क्या होगी : सूर्य नूतन चुल्हा का प्रोटोटाइप अभी लॉन्च किया गया है जिसे देश में 60 स्थानों पर आजमाया जा चुका है। लद्दाख भी इन्हीं जगहों में से एक है जहां सौर ऊर्जा की तीव्रता सबसे ज्यादा है। चूल्हे का एक परीक्षण पूरा हो चुका है। अगला मोड़ इसके कमर्शियल लॉन्च का है। इस कुकिंग स्टोव की कीमत करीब 18,000 रुपये से 30,000 रुपये तक गिर रही है। बाद में जब 2-3 लाख चूल्हे बनाकर बेचे जाएंगे, अगर सरकारी मदद भी मिलती है, तो इसकी कीमत 10,000 रुपये से घटकर 12,000 रुपये हो सकती है।