डेस्क : देश में लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच आम लोगों के लिए एक मौज वाली खबरें सामने आई है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि खाद्य तेलों की महंगाई को थामने के लिए केंद्र सरकार ने बीते 24 मई को सोयाबीन एवं सनफ्लावर क्रूड आयल के आयात को शुल्क मुक्त कर दिया। इसका असर दो दिन बाद ही मार्केट में दिखने लगा है।
खाद्य तेलों की कीमतों में दो से लेकर पांच रुपये प्रति किलो तक की नरमी देखने को मिल रही है। कारोबारियों का तर्क है कि अभी आने वाले वक्त में बाजार नरम ही रहने का अनुमान है। मालूम हो की रूस- यूक्रेन युद्ध के चलते पिछले कुछ महीनों से खाद्य तेलों की कीमतों में लगातार मजबूती बनी हुई थी। इससे आम लोगों का बजट गड़बड़ा रहा था। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए कई बड़े फैसले लिए। पेट्रोल एवं डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी को कम किया गया। यही नही आयातित सोयाबीन एवं सनफ्लावर आयल पर लगने वाले 5 प्रतिशत एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डवलेपमेंट सेस-एआइडीसी को भी हटा लिया।
2 साल तक सोयाबीन एवं सनफ्लावर तेलों का आयात शुल्क मुक्त होगा। इसके चलते खाद्य तेलों की कीमतें गिरने लगीं। भारत अपनी मांग का 60 प्रतिशत तक खाद्य तेल विदेशों से आयात करता है। आपको बताते चलें कि दो दिन में ही सोयाबीन क्रूड आयल के होलसेल दाम 153 रुपये प्रति लीटर से गिरकर 149 रुपये प्रति लीटर रह गए। जबकि, सोयाबीन रिफाइंड आयल के दाम 157 रुपये प्रति लीटर से गिरकर 152 रुपये प्रति लीटर, सनफ्लावर क्रूड आयल के दाम 167 रुपये से कम होकर 163 रुपये और सनफ्लावर रिफाइंड आयल के दाम 175 रुपये से कम होकर 170 रुपये प्रति लीटर रह गए। सरकार के इस कदम से अन्य तेलों की कीमतों में भी कमी का रुख बना।