सिर पर चढ़ी महंगाई : 7वें आसमान पर पहुंचा सरसों तेल का भाव, 1 माह में इतना बढ़ गया मूल्‍य, जानें – नया रेट

डेस्क : देश में लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच आम लोगों में त्राहिमाम मचा हुआ है। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम के बाद खाद पदार्थ के दामों में लगातार बढ़ोतरी जारी है। खासकर, सरसों तेल के दाम तो आम लोगों की कमर तोड़ कर रख दी हैं। इसी बीच एक बार फिर से सरसों तेल के दाम में खतरनाक वाली बढ़ोतरी हुई है।

मौजूदा बाजार में सरसों तेल 175 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा है। जबकि, मिल का तेल दो सौ रुपये प्रति लीटर से उपर है। इस संबंध में थोक विक्रेताओं का कहना है कि पैदावार अच्छी हुई, लेकिन जमाखोरी के कारण लोगों तक यह सस्ते भाव पर उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जबकि, सोयाबीन रिफाइंड में दस रुपये की कमी आई है। वर्तमान में रिफाइन 185 रुपये से घटकर 175 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है।

mustard and oil price

थोक विक्रेताओं की मानें तो सरसों की अच्छी पैदावार होने के कारण लगभग दो माह से तेल के दामों में बढ़ोतरी तो रुकी हुई है, लेकिन दाम में उतनी कमी नहीं आई है जितनी होनी चाहिए। मौजूदा समय में स्टाकिस्टों ने एक बार फिर से तेल का स्टाक करना शुरू कर दिया है। यही स्थिति रही तो फिलहाल कीमत कम होने के आसार नहीं हैं। वही किराना व्यापारियों का कहना है कि रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाला आटा भी महंगा हो गया।

mustard oil price hike

धनिया, जीरा और हल्दी ने भी सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। थोक बाजार में महंगाई की रफ्तार थोड़ी धीमी है तो खुदरा में भाव और तेज है। मध्यम वर्गीय व निम्न वर्ग के परिवार भले ही कुछ कटौती कर लें, लेकिन आवश्यक जरूर की वस्तुओं में कटौती करना संभव नहीं है। दाल, खाद्य तेल, साबुन, चाय, चीनी जैसी आवश्यक वस्तुओं का कोई विकल्प नहीं दिखाई देता। इनका उपभोग तो करना ही पड़ रहा है। यही वजह है कि मासिक बजट बिगड़ रहा है।

1 माह पहले का मूल्‍य – वर्तमान समय का मूल्‍य

  • रिफाइंड 150 रु.प्रति ली. 170-175
  • चना दाल 75 रु. 80-90
  • बेसन 95 रु. 100-105
  • चीनी 38 रु. 42-44
  • काबुली चना 100 रु. 120-130
  • तिल तेल 150 रु. 200-210
  • जीरा 200 रु. 280-320
  • देशी घी 520 रु. 550-590
  • नमक 22 रु.प्रति किग्रा 24