डेस्क : बीते दो हफ्तों से लगातार सरसों तेल की रेट में गिरावट देखने को मिल रही है। ऐसे में महंगाई से परेशान लोगों को यहां थोड़ी राहत मिल सकती है। पिछले सप्ताह खाद्य तेल बेचने वाली कंपनियों ने भी सरसों तेल की क़ीमत में कटौती करने की बात कही थी। खाद्य तेलों के दाम विदेशी बाजारों में भी तकरीबन 50 रुपए लीटर के हिसाब से नरम हुए हैं।
पीटीआई के मुताबिक़, सप्ताह के अंत में दिल्ली के तेल – तिलहन बाजार में तेज़ी देखने को मिली, लेकिन सरसों तेल की क़ीमत में इज़ाफा नहीं हुआ। शनिवार को सरसों तेल की कीमत में गिरावट दर्ज की गई। बीते सप्ताह के मुकाबले सरसों पक्की घानी का रेट 10 रुपए प्रति टिन सस्ता होकर 2365 से 2445 पर बंद हुआ। साथ ही सच्ची घानी तेल की कीमत में भी 10 रुपए प्रति टिन कम होकर 2405 से 2510 रुपए पर जाकर बंद हुई। जबकि सरसों तेल दादरी के रेट में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला और 15,100 प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
पिछले सप्ताह सरसों की हानि और कच्ची घानी तेल की क़ीमत 30-30 रुपए घटकर क्रमश: 2365-2445 रुपए और 2405-2510 रूपए प्रति टिन पर बंद हुई थी। मई के महीने में देश ने 6,60,000 टन पाम तेल का आयात किया था। जानकारी के लिए बता दें कि भारत दुनियां का सबसे अधिक पाम ऑयल इंपॉर्ट करने वाला देश है। बीते सप्ताह धारा ब्रांड की खाद्य तेल बेचने वाली कम्पनीयां मदर डेयरी से अडानी विल्मर तक ने सरसों तेल की कीमत में कटौती करने की घोषणा की थी। अपने एक बयान में मदर डेयरी ने कहा था कि ब्रांड के अंतर्गत सभी तेलों की दरों में 15 रुपए कम किए जा रहे हैं। दूसरी तरफ अडानी विल्मर ने भी अपने खाद्य तेलों में 10रुपए कम करने की बात कही थी।