डेस्क : अगर आपके निवेश भी सहारा इंडिया (Sahara India) में फंसे हुए हैं तो इस खबर को ज़रूर पढ़ें! ये आपके काम की खबर है। दरअसल, अब निवेशकों का पैसा लौटाने को लेकर सहारा पर सरकार की नजर है। वहीं सहारा ने एक चिट्ठी जारी करके निवेशकों के पैसों की जानकारी को साझा की है। पूरे देश में लाखों निवेशक अपने करोड़ों रुपयों के लिए भटकने को मजबूर हैं। सरकार द्वारा सख्ती दिखाने के बाद अपने निवेश को पाने के लिए निवेशक लगातार अपने नजदीकी कार्यालय और जिला प्रशासन के कार्यालय पहुंचकर पैसा वापस दिलाने की मांग कर रहे हैं।
SEBI के पास है निवेशकों के 25,000 करोड़ सहारा में फंसे पैसे हर तरह की कोशिश करने के बाद भी निवेशकों तक वापिस नहीं जा पाई है। बीते दिनों सहारा ने विभिन्न समाचार पत्रों में एक लेटर जारी किया था, जिसमे कंपनी ने बताया था कि ‘वह (सहारा) भी सेबी से पीड़ित है। हमसे दौड़ने के लिए कहा जाता है लेकिन हमें बेड़ियों में जकड़कर रखा गया है।’ उसी चिट्ठी में सहारा द्वारा बताया गया था कि ‘निवेशकों का पैसा अब सेबी के पास है। सहारा (Sahara) ने सेबी (SEBI) पर निवेशकों के 25,000 करोड़ रुपये रखने की बात कही है।’ बता दें कम्पनी द्वारा पैसों को लेकर जानकारी पहले भी दी गई है।
9 प्रतिशत ब्याज समेत मिलेंगे पैसे मालूम हो बिहार के गोपालगंज जिले में कंज्यूमर फोरम ने सहारा इंडिया में निवेश किए गए पैसों का भुगतान 9% के ब्याज के साथ करने का आदेश दिया है। आयोग ने वादी को हुई शारीरिक, आर्थिक और मानसिक क्षति के लिए 10 हजार रुपये के अलावा मुकदमे का खर्च भी देने की बात भी कही। बता दें वादी ने अपनी याचिका में कहा कि ‘सहारा की तरफ से दिए गए प्लान का समय पूरा होने के बाद भी राशि का भुगतान नहीं किया है।’
वित्त राज्य मंत्री ने दी यह जानकारी वहीं दूसरी ओर इस मामले में सरकार भी निवेशकों की पूंजी वापिस लौटने को लेकर तमाम प्रयास कर रही है। मालूम हो वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने अप्रैल के महीने में सदन में बताया था कि फिलहाल सेबी (SEBI) को महज 81.70 करोड़ रुपये के लिए 53,642 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट / पास बुक से जुड़े 19,644 आवेदन मिले हैं। राज्य सरकार द्वारा बताया गया था कि शेष आवेदनों का SIRECL और SHICL की तरफ से दिए गए दस्तावेजों में रिकॉर्ड का पता नहीं चल रहा है।