डेस्क : गैस सिलेंडर घर में सबसे अधिक आवश्यक चीजों में से एक है। यदि एक दिन सिलेंडर में गैस ना हो तो भोजन मिलना मुश्किल हो जाए। ऐसे में एलपीजी गैस सिलेंडर की खपत अधिक है। लोग इसकी बढ़ती कीमतों से परेशान हो जाते हैं। यह कीमत हर महीने ऊपर नीचे होती रहती है। इसी बीच सरकार ने एक सार्थक कदम उठाया है। ओएनजीसी और रिलायंस जैसी बड़ी तेल उत्पादक कंपनियों द्वारा उत्पादित गैस की कीमत तय करने के फार्मूले की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
सरकार द्वारा गठित यह कमेटी गैस उपभोक्ताओं को गैस के वाजिब दाम के बारे में सुझाव देगी। इस समिति में शहरी गैस वितरण में शामिल निजी कंपनियों, सार्वजनिक गैस कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और उर्वरक मंत्रालय के एक-एक प्रतिनिधि को भी शामिल किया गया है। साल 2014 में, सरकार ने घरेलू रूप से उत्पादित गैस की कीमत निर्धारित करने के लिए संबंध में एक फॉर्मूला तलाशने हेतु गैस अधिशेष देशों की गैस की भाव का उपयोग किया।
गैस की कीमतों में रसिया-यूक्रेन युद्ध के बाद भारी उछाल देखने को मिला हैं। वहीं मंत्रालय ने इस समिति से उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराई जाने वाली गैस के लिए उचित मूल्य का सुझाव देने को कहा है। उर्वरक बनाने के अलावा, गैस का उपयोग बिजली उत्पादन और सीएनजी और एलपीजी के रूप में भी किया जाता है।