Free Ration : अगले 5 सालों तक मिलता रहेगा फ्री गेंहू, चना और चावल, जानें- विस्तार से….

Free Ration : यह ख़बर उन लोगों के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है जो फ्री राशन योजना का लाभ ले रहे हैं। आपको बता दे केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत दिए जा रहे हैं फ्री राशन की डेडलाइन 31 दिसंबर 2023 तक की है। लेकिन अब सरकार ने फैसला करते हुए इसे 5 साल आगे की बढ़ा दिया है।

मंगलवार के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई जिसमें इस योजना को 5 साल तक आगे बढ़ाने के लिए मोहर लग चुकी है। इसलिए अब किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना के तहत आपको 2028 तक फ्री में चावल गेहूं, चना और चीनी का लाभ मिलेगा।

कोरोना में शुरू हुई थी योजना

कोरोना के समय जब पूरी दुनिया आर्थिक तंगी से परेशान थी तब प्रधानमंत्री द्वारा गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की गई थी और वर्तमान में भी इसका लाभ 80 करोड़ लोग ले रहे है। इस योजना को चालू रखने के लिए सरकारी खजाने पर काफी भोज पड़ रहा है इसलिए कई बार इस बीच में बंद करने की डेडलाइन में घोषित की गई है।

हाल ही में इसकी डेडलाइन 31 दिसंबर 2023 थी। लेकिन इसे बंद करने की खबर को सुनने के बाद कई लोग परेशान हो गए थे।कई लोगों को परिवार के पालन पोषण की चिंता सताने लगी थी। लेकिन मंगलवार को हुई बैठक में इस योजना को अगले 5 साल तक बढ़ा दिया गया है।

आएगा 11.80 लाख करोड़ का खर्च

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस बात की जानकारी दी है कि सरकारी खजाने पर इस योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए अगले 5 साल में 11.80 लाख करोड़ का अतिरिक्त खर्च आएगा। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता के दुख को देखते हुए इसे अगले 5 साल के लिए आगे बढ़ा दिया है। इस योजना के तहत भारतीयों को 5 किलो मुफ्त अनाज दिया जाएगा।

वहीं अंत्योदय योजना का लाभ जिन परिवारों को मिलता है उन्हें 35 किलो अनाज मिलता रहेगा। किसी भी गरीब को देश में भूखा सोने की जरूरत नहीं है। सरकार हर हालात में देश के प्रत्येक नागरिक के साथ खड़ी है।

पीएम मोदी ने की थी घोषणा

आपको बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 नवंबर 2023 को छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक सभा को आयोजित करते हुए इस योजना को आगे बढ़ाने के संकेत दिए थे। इसके बाद मंगलवार शाम को हुई बैठक के अंदर इस पर मुहर लगा दी गई। लेकिन विपक्ष इसे चुनावी घोषणा बता रहे है। विपक्ष का कहना है की पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में फायदा लेने के लिए सरकार ने इस योजना को आगे बढ़ाया है।