डेस्क : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नोटों को लेकर ये बड़ा फैसला लिया है. जिसके बाद अब अक्सर कई बार लोग पुराने गले और फटे नोटों का चलाने की तरकीबें निकाल लेते थे लेकिन अब ये तरकीबें भी कोई काम नहीं आएंगी. इतना ही नहीं अब आरबीआई के इस फैसले के बाद नोटों की फिटनेस चेक की जाएगी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पूरे देश के बैंकों को निर्देश दिए हैं कि नोट गिनने के मीशनों की जगह पर नोटों की फिटनेस चेक करने की मशीन का इस्तेमाल किया जाए. आरबीआई के इस निर्देश के मुताबिक अब हर तीन महीने में नोटों की फिटनेस चेक की जाएगी.
जानकारी के लिए बता दें कि आरबीआई के इस निर्देश के बाद साफ-सुथरे नोटों की आसानी से पहचान की जा सकेगी ताकि उन्हें रिसाइकल करने में परेशानियों का सामना ना करना पड़े. अनफिट नोट वो होते हैं जो रिसाइकल के लिए ठीक नहीं होते. बता दें कि जो नोट बहुत ज्यादा गंदे पाए जाएंगे और जिनमें बहुत धूल मिट्टी लगी होगी तो इस स्थिति में उन नोटों को अनफिट माना जाएगा. नोट जब बहुत लंबे समय तक मार्केट में रहता है और इस जेब से उस जेब में ट्रांसफर होता रहता है तो वो काफी ढीला पड़ जाता है. ढीले नोट अनफिट माने जाएगें, जबकि करारे नोट फिट की कैटेगरी में शामिल रहेंगे. इसके साथ ही किनारे या बीच से फटे हुए नोट भी अनफिट माने जाएंगे.
गौरतलब है कि अगर नोट में बने डॉग ईयर्स का एरिया 100 वर्ग मिलीमिटर से ज्यादा तो इसे अनफिट माना जाएगा. जिन नोटों पर 8 वर्ग मिलीमीटर से ज्यादा बड़े छेद हैं तो उन्हें अनफिट नोट माना जाता है. नोट में किसी तरह के ग्राफिक बदलाव को अनफिट नोट माना जाता है. नोट पर ज्यादा दाग-धब्बा, पेन की स्याही आदि लगी हो तो वह नोट भी अनफिट ही माना जाता है. नोटो पर किसी भी तरह की चित्रकारी वाले नोट अनफिट होंगे. नोट का अगर रंग उड़ जाए तो वह अनफिट नोट है. फटे हुए नोट पर किसी भी तरह का टेप या ग्लू लगा होगा तो वो नोट अनफिट माने जाएंगे. नोटों का रंग जा चुका है या हल्का पड़ा चुका है तो वो भी अनफिट की कैटेगरी में शामिल होंगे.