आपके लिए Birth Certificate कितना है जरूरी, आधार-पैन नहीं अब जन्म प्रमाण पत्र से होगा सारा काम!

Birth Certificate : आज से आधार कार्ड नहीं बल्कि बर्थ सर्टिफिकेट सबसे जरूरी दस्तावेज बन सकता है। आपको बता दे कि बर्थ सर्टिफिकेट (Birth Certificate) को सिंगल डॉक्यूमेंट बनने के लिए सिर्फ राष्ट्रपति की मंजूरी मिलना जरूरी है जो ‘जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 2003’ के अंतर्गत मिल सकती है। इसके बाद सभी जगह पर आधार कार्ड (Aadhar Card) नहीं बल्कि जन्म प्रमाण पत्र सबसे जरूरी दस्तावेज बन जाएगा और इसी के आधार पर सब काम होंगे।

क्या होता है बर्थ सर्टिफिकेट

बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate) ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें उसकी जन्म तारीख, जन्म समय, लिंग और अन्य जरूरी जानकारी के साथ-साथ माता-पिता का नाम भी दर्ज किया जाता है। अगर आधार कार्ड है तो भी अब से बर्थ सर्टिफिकेट होना जरूरी हो गया है।

1 साल तक के बच्चे का ऐसे बनेगा बर्थ सर्टिफिकेट

अगर कोई नवजात बच्चा है या उसकी उम्र 1 साल से कम है तो जिस अस्पताल में बच्चे का जन्म हुआ है वहां के जोनल कार्यालय में बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate) के लिए आवेदन करना होगा। इसके अलावा अगर बच्चे का जन्म घर पर हुआ है तो वहाँ के जोनल कार्यालय में इसका आवेदन करना होगा। यहां से सभी जरूरी दस्तावेज जन्म प्रमाण पत्र की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिए जायेंगे। यहां से जारी प्रमाण पत्र पूरे भारत में मान्य होता है।

अगर साल भर से ज्यादा है उम्र

अगर बच्चे की उम्र 1 साल से ज्यादा हो चुकी है तो सिटी मजिस्ट्रेट या एसडीएम से मंजूरी लेनी होती है और उसके हस्ताक्षर के जरूरत पड़ती है। इसके बाद एसडीएम लेखपाल के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट और अन्य सभी सबूत की सही से जांच करता है और उसे आवेदन पत्र को नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी को रिपोर्ट भेजता है। जिस जोन में अस्पताल या मकान पड़ता है। यहां के जोनल कार्यालय से जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate) जारी कर दिया जाता है लेकिन लेट फीस के रूप में आवेदनकर्ता को 10 रुपये देने होते है। हालांकि माता-पिता को बच्चों के जन्म के 21 दिन के अंदर बर्थ सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करना होता है।

बर्थ सर्टिफिकेट से बनेंगे कौन-कौन से दस्तावेज

अगर इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाती है तो बर्थ सर्टिफिकेट से आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पॉपुलेशन रजिस्टर आदि बनवा सकते है। इसके अलावा शादी का प्रमाण पत्र, जमीन जायदाद में हिस्सेदारी लेने, एडमिशन लेने या अन्य सरकारी सुविधाओं का फायदा लेने के लिए भी किया जा सकेगा।

क्यों उठ रहे इस पर सवाल?

सदन में जब ‘जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 2003’ पेश किया गया तो विपक्षी दलों के सांसदों ने इसका विरोध किया था और कहा था कि इससे व्यक्ति की निजी जानकारी का सरकार गलत उपयोग कर सकती है। इसके साथ ही कुछ सांसदों ने तो इसे बदले स्वरूप वाला NRC यानी नागरिकता रजिस्टर कह दिया। विपक्षी दलों ने आधार कार्ड से लेकर बर्थ सर्टिफिकेट (Birth Certificate) पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे गरीबों को कल्याणकारी योजनाओं का फायदा नहीं दिया जा सकेगा। लेकिन केंद्र सरकार ने इन सभी बातों को गलत बताते हुए कहा कि इस प्रक्रिया से एक ऐसा डिजिटल डाटाबेस तैयार किया जाएगा जिससे तेजी से सभी योजनाओं का लाभ जरूरतमंद तक पहुंच सकेगा।