डेस्क : हम सभी जानते हैं कि पड़ोसी देश Ukraine पर आक्रामकता दिखाने की वजह से Russia पर दबाव बढ़ाने के उद्देश्य से, संयुक्त राज्य अमेरिका(United state America) ने Russia से तेल, गैस और ऊर्जा के आयात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी है ।
ऊर्जा संसाधन Russia की अर्थव्यवस्था की मुख्य स्रोत है और अमेरिकी राष्ट्रपति Joe Biden द्वारा घोषित इस कदम का उद्देश्य उनके Russia को सबक सिखाना और दर्द देने जैसा है.Biden ने रूस के आर्थिक व्यवस्था को लहूलुहान करने के लिए एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया है। ऊर्जा क्षेत्र निस्संदेह रूसी अर्थव्यवस्था का दिल है। इसे Putin का रक्त तेल भी कहा जाता है।
रूस, अमेरिका को प्रतिदिन 1 अरब डॉलर मूल्य के तेल की आपूर्ति करता है। वर्तमान प्रतिबंध रूसी तेल, Lpg और कोयले पर है और अमेरिकियों को रूसी तेल और गैस कंपनियों के साथ व्यापार करने या उनमें निवेश करने से भी रोकता है। इस कदम से सिर्फ Russia और अमेरिका को ही नही पूरे विश्व की कीमतों में और तेजी आएगी। ।हालांकि यूरोप की तुलना में अमेरिका रूसी तेल पर बहुत कम निर्भर है। लगभग 5 प्रतिशत (या उससे कम) तेल जो अमेरिका पिछले साल तक रूस से आयात करता था। जनवरी के बाद से रूस से कोई तेल नहीं आया है।
यूक्रेन पर हमले के बाद लगाए गए प्रतिबंधों के कारण रूस की अर्थव्यवस्था, बैंकिंग प्रणाली और उसकी मुद्रा पर भारी दबाव है।वहीं, प्रतिबंधों से नाराज Russia ने Germany को धमकी भी दी है कि वह Gas की आपूर्ति बंद कर सकता है. ऐसे में अगर रूस से Natural gas और crude oil का निर्यात बंद कर दिया जाता है तो आने वाले समय में दुनिया के देशों पर इसका काफी असर पड़ेगा। इसके साथ ही भारत भी संकट से जूझ रहे देशों में शामिल होगा, क्योंकि भारत भी रूस से crude oil आयात करता है. हालांकि भारत रूस से काफी कम तेल import करता है लेकिन और अपनी जरूरतों का crude oil ,OPEC देशों से खरीदता है । बता दे भारत अपनी कुल आयात का सिर्फ तीन से 4% कच्चा तेल रूस से लेता है.
दुनिया में बढ़ जाएगी बेतहाशा महंगाई :दुनिया भर में तेल की कीमतें 2008 के बाद से अपने सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। कच्चे तेल की कीमतें सोमवार को 139 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं। रूस के Deputy Prime Minister Alexander Novak ने कहा है कि रूसी तेल को अस्वीकार करने से वैश्विक बाजार पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा। उनका कहना है कि कच्चे तेल की कीमत दोगुनी होकर 300 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है, जिससे दुनिया में बेतहाशा महंगाई बढ़ेगी। America और saudi Arabia के बाद Russia दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। दुनिया की 10% तेल आपूर्ति रूस से होती है। रूस हर दिन 7-8 million barrel कच्चे तेल और 8,500 Billion cubic feet प्राकृतिक गैस का निर्यात करता है। इसमें से अधिकांश Europe के हिस्से में जाता है। रूस यूरोपीय संघ को 40% गैस और 30% कच्चे तेल का निर्यात करता है।