कैसे पहचानें सोना असली है या नकली? ये हैं कुछ आसान से तरीके!

How To Know Gold is Real or Fake? सोना चांदी खरीने से पहले लोग काफी प्लानिंग करते हैं। कई बार तो ठगी का शिकार भी होना पड़ता है। इस सब से बचने के लिए ग्राहक को सोना खरीदते समय हॉलमार्किंग की जांच जरूर करनी चाहिए। हॉलमार्किंग एक क्वालिटी सर्टिफिकेट है। यह आपको इस बात से आश्वस्त करता है कि आपके द्वारा खरीदा गया सोना शुद्ध है। भारत में सोने की आभूषणों पर जून 2021 से हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है। आज हम इस बात पर चर्चा करेंगे कि हॉलमार्किंग की पहचान कैसे करें।

How To Test Gold असली सोने की पहचान

जब भी आप सोना या उससे बने गहने खरीदें तो उस पर BIS का निशान जरूर चेक कर लें। इसे एक त्रिकोण के रूप में दिखाया गया है। वहीं बिल पर हॉलमार्किंग की लागत की जांच करने के लिए आपको बिल ब्रेक अप के लिए अनुरोध करना चाहिए। आपको बिल में लागत और हॉलमार्किंग केंद्र द्वारा निर्धारित मूल्य की जांच करनी चाहिए। इसके साथ ही आपको कैरेट भी जांचना जरूरी है। आप जो सोना खरीदें वह कम से कम 22 कैरेट का होना चाहिए। इसके अलावा आप जौहरी के लाइसेंस पर सूचीबद्ध स्टोर का पता भी देख सकते हैं।

ऐसे चेक करें हॉलमार्किंग

हॉलमार्किंग के जरिए आप तुरंत असली या नकली सोने की पहचान कर सकते हैं। इसे चेक करने के लिए आपको इसका हॉलमार्क देखना होगा। 375, 585,750 और 916 वाला हॉलमार्क सोना क्रमशः 37.5, 58.5, 75.0 और 91.6 फीसदी शुद्ध है। वहीं सोना 990 हॉलमार्क होने पर 99.0 फीसदी शुद्ध होता है और 999 होने पर 99.9 फीसदी शुद्ध होता है।

हॉलमार्क वाला सोना ही क्यों खरीदें?

सोने की हॉलमार्किंग से उसकी शुद्धता की पुष्टि होती है। इससे आप असली और नकली सोने की पहचान कर सकते हैं। देश में सोने के आभूषणों के लिए गोल्ड हॉलमार्किंग का नियम लागू कर दिया गया है। इसके अनुसार आभूषण बनाने में 22 कैरेट सोने का ही इस्तेमाल करना चाहिए। यह सोना 91.6 फीसदी शुद्ध है। नए हॉलमार्किंग नियमों से आप सही आभूषण खरीद पाएंगे और सोना खरीदते समय धोखाधड़ी से बच पाएंगे। अब अगर आप सोना खरीदने जाएं तो उसकी हॉलमार्किंग जरूर जांच लें।