Gold: सरकार बेच रही है सस्ता सोना, SBI ने भी बताएं इसके फायदे, जानिए कैसे कर सकते हैं निवेश

डेस्क : शेयर बाजार औंधे मुंह गिर रहा है। दुनिया भर में मंदी भी गहराती जा रही है। निदेशकों के लिए भी यह मुश्किल वाली बात है कि कहां निवेश करें? वही देश में ऐसे कई सारे लोग हैं जो रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। वे ऐसी जगह पैसे लगाना चाहते हैं, जहां सुरक्षित रहे। ऐसे लोगों के लिए सरकार की सॉवरेन गोल्ड बांड काफी अच्छा ऑप्शन है।

शेयर बाजार में हुए भारी गिरावट के बाद लोगों को सरकार ने सावरेन गोल्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond) का ऑप्शन दिया है, जहां भी अपना निवेश कर सकते हैं। यह चालू वित्त वर्ष की पहली सीरिज निवेशकों के लिए ओपन है। 24 जून तक आप इसमें पैसे लगा सकते हैं। देश की सबसे बड़ी बैंक RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने गोल्ड सब्सक्रिप्शन की कीमत इस बार ₹5091 प्रति ग्राम रखी है। हमेशा की तरह इस बार भी ऑनलाइन आवेदन करने वालों के लिए निवेशकों को बांध की तय कीमत पर ₹50 प्रति ग्राम की छूट दी जाएगी। इसी बीच देश की सबसे बड़ी सरकारी बैंक स्टेट बैंक ने इसके 6 फायदे गिनाए हैं। बैंक ने बताया कि सावरेन गोल्ड स्कीम पर कम से कम 2.5 फ़ीसदी सलाना रिटर्न मिलेगा।

पैसे निकालने पर भी कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा। सॉवरेन गोल्ड बांड पर सरकार की तरफ से लोन का भी प्रावधान होगा। आप इस पर बैंक से लोन ले सकते हैं। इसके अलावा फिजिकल गोल्ड के जैसे लॉकर में रखने पर खर्च नहीं उठाना पड़ेगा। मेजॉरिटी हो जाने पर आप जब भी चाहे इसे कैच में बदल सकते हैं। साथ ही फिजिकल गोल्ड के जैसे मेकिंग चार्ज और जीएसटी का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। मालूम हो कि इस योजना के तहत गोल्ड की कीमत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से तय की जाती है। बताओ बांड आप सोने में न्यूनतम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलो तक निवेश कर सकते हैं। जिस पर टैक्स भी छूट मिलती है। यहां गोल में किसी तरह की धोखाधड़ी और अशुद्धता की संभावना नहीं होती है। 8 साल बाद यह 92 चोर होती है। यानी कि 8 साल बाद इसे भूना कर पैसा निकाला जा सकता है। इसके अलावा 5 साल बाद से बाहर निकलने का भी ऑप्शन होता है।

भारत सरकार की तरफ से आरबीआई सॉवरेन गोल्ड बांड जारी करता है। जिसमें 1 ग्राम गुणको में निवेश किया जाता है। इसकी अधिकता सीमा एक व्यक्ति के लिए 1 साल में 500 ग्राम होती है। वही हिंदू संयुक्त परिवार 1 साल में 4 किलो सोने की कीमत के बराबर तक का बांडख़रीद सकते हैं। ट्रस्ट और वित्तीय वर्ष की समान इकाईयों में निवेश की ऊपरी सीमा 20 किलोग्राम है। आपको बता दें कि इसे खरीदने के लिए आपको अपने बैंक BSE,NSE की साइट पर या डाकघर से संपर्क करना पड़ेगा। एक तरह से यह सिक्योर निवेश है, जहां ना तो प्योरिटी की टेंशन होती है ना ही सिक्योरिटी की चिंता। जानकारी के लिए बता दूं कि इस योजना की शुरुआत साल 2015 में की गई थी। जिसका उद्देश्य भौतिक रूप से सोने की मांग में कमी लाना और सोना की खरीद में घरेलू बचत का इस्तेमाल वित्तीय बचत में करना है।