आम लोगों को महंगाई से थोड़ी राहत मिल सकती है। आने वाले दिनों में भारतीय बाजार में अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है। दरअसल मूडी एनालटिक्स (Moody’s Analytics) ने बताया है कि आने वाले दिनों में कच्चे तेल के दामों में बड़ी गिरावट देखी जा सकती है। ये बात एशिया पैसेफिक को लेकर जारी किए रिपोर्ट में बताई गई है।
मूडीज की रिपोर्ट में बताया गया है कि “रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल के दाम 120 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया जो गिरकर अब 100 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। और ये ट्रेंड जारी रह सकता है। 2024 के अंत तक कच्चे तेल के दाम 70 बैरल प्रति बैरल तक नीचे आ सकता है।”
अगर कच्चे तेलके इतिहास की बात करें तो जब जब वैश्विक अर्थव्यवस्था ( Global Economy) पर संकट के बदल छाए हैं तब कच्चे तेल की कीमत गिरी है। बता दें 2008 में आए वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान कच्चा तेल 149 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 35 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गया था। वहीं कोराना महामारी ( Covid-19 Pandemic) के फैलाव के समय भी जब दुनियाभर में लॉकडाउन ( Lockdown) लगा तो कच्चे तेल के दाम गिरकर 20 डॉलर प्रति बैरल तक हो गया था। वहीं अमेरिका में आर्थिक संकट के चलते मंगलवार को कच्चे तेल के दाम 90 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच चुका है।
तो अगर ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल के दामों में गिरावट होती है तो इसका फायदा भारत को बेशक होगा। अपने खपत के हिसाब से भारत 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। अपने विदेशी मुद्रा भंडार का बड़ा भाग हर साल भारत कच्चे तेल के आयात पर खर्चता है। कच्चे तेल के दामों में गिरावट से जहां आम लोगों को सस्ता पेट्रोल डीजल उपलब्ध होगा। वहीं विदेशी मुद्रा भंडार की बचत होगी सरकार का वित्तीय घाटा भी घटेगा।