डेस्क : ऐसे बच्चों के लिए खुशखबरी है, जिन्होंने कोरोना काल में अपनो को खो दिया है। यानी मोदी सरकार कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को 10-10 लाख रुपये आर्थिक मदद के रूप में दे रही है। जानकारी के मुताबिक, कुछ पात्र बच्चों के खाते में पैसे ट्रांसफर भी किए गए हैं। आपको बता दें कि मोदी सरकार ने फरवरी में ऐसे बच्चों के आवेदन मांगे थे। जिनके माता-पिता की कोरोना में जान चली गई।

अब उन आवेदनों के साथ बच्चों के खातों में 10-10 लाख रुपये ट्रांसफर किए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, 5 मई से बच्चों के खाते में पैसे भेजे जा रहे हैं। इतना ही नहीं ऐसे जरूरतमंद बच्चों को सरकार की ओर से और भी कई सुविधाएं दी जाएंगी। आपको बता दें कि “सीएम बाल कोविड योजना” के तहत बच्चों को हर महीने 5 हजार रुपये, मुफ्त राशन और मुफ्त शिक्षा का प्रावधान है, जबकि केंद्र की योजना के तहत आपको आर्थिक सहायता, इलाज और मुफ्त शिक्षा का लाभ मिलेगा। इस योजना में लगभग 29 बच्चे पात्र हैं।

इस योजना को लागू हुए लगभग 10 महीने हो चुके हैं। आपको बता दें कि योजना के तहत पहले से ही आवेदन मांगे गए थे। जिसके बाद डाकघर में एडीएम के साथ संयुक्त बैंक खाता खोला गया। बाल संरक्षण विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक चेन्नई से बच्चों की पासबुक आ गई है. सभी बच्चों के बैंक खाते में राशि भी जमा करा दी गई है। 23 साल की उम्र होने पर एकमुश्त 10 लाख रुपये निकाले जा सकते हैं।

पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत 10 साल से कम उम्र के अनाथ बच्चों को उनके नजदीकी केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश दिया जाता है। वहीं, एक निजी स्कूल में दाखिले पर केंद्र सरकार बच्चे की फीस पीएम केयर्स फंड से देती है। इतना ही नहीं, बच्चों की किताबें और स्कूल ड्रेस आदि का खर्च भी सरकार वहन करती है। योजना के तहत 11 साल से अधिक उम्र के बच्चों को सैनिक स्कूल और नवोदय विद्यालय में प्रवेश दिया जाता है। आयुष्मान भारत योजना के तहत, सभी अनाथ बच्चों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जाता है और सरकार 18 साल की उम्र तक प्रीमियम जमा करती है।