Income Tax Rule : ट्रांजेक्शन के नियम में हुआ बड़ा बदलाव, जान ले वरना मुश्किल में फंस जाएंगे..

डेस्क : अगर आप भी बैंक में बड़ी राशि से संबंधित ट्रांजैक्शन करते हैं तो इससे जुड़े कुछ नियमों को जान लें।जिनमे कल से ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बड़ा बदलाव कर दिया है। नया नियम जो कि कल से लागू हुआ है उसके अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी एक वित्त वर्ष में बैंक में या पोस्ट ऑफिस में 20 लाख रुपए या इससे ज्यादा की कैश डिपॉजिट करता है तो उसे पैन कार्ड और आधार कार्ड जमा करना कंपलसरी हो गया है। अगर ऐसा नहीं किया जाएगा तो टैक्स डिपार्टमेंट जानकारी होने की स्थिति में नोटिस भेज सकती है। ऐसे में व्यक्ति की परेशानियां बढ़ सकती है। जमा की जाने वाली रकम की लिमिट पूरे एक वित्तीय वर्ष के लिए रखी गई है।

10 मई को नोटिफिकेशन दे कर नए नियम की जानकारी दे दी गई थी : सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस ने 10 मई को एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए नए नियम की जानकारी दे दी थी। एक या अधिक बैंक अकाउंट में ₹20 लाख या उससे अधिक जमा करने या निकालने पर पैन कार्ड और आधार कार्ड के नंबर देने की जरूरत पड़ेगी। जहाँ तक अकाउंट की बात है तो वह किसी भी कमर्शियल बैंक में हो या कोऑपरेटिव बैंक में फिर पोस्ट ऑफिस में ही।अगर इसमें 20 लाख से अधिक जमा या निकासी की गई है तो पैन कार्ड और आधार कार्ड की जानकारी देना अनिवार्य है।

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एकाउंट टाइप में भी सभी तरह के अकाउंट को रखा गया है। व्यक्ति अगर करंट अकाउंट या कैश क्रेडिट अकाउंट खोलता है या फिर सेविंग अकाउंट तो भी उसे 20 लाख से अधिक के ट्रांजैक्शन पर नए नियम को मानना ही होगा। हर बैंक हर तरह के अकाउंट सभी जगह पर यह नियम एक समान लागू होगा। अर्थात अगर किसी व्यक्ति के पास पैन कार्ड नहीं है तो उसे 20 लाख से अधिक का ट्रांजैक्शन करना है तो उसे ट्रांजैक्शन करने के 7 दिन पहले पैन कार्ड के लिए अप्लाई करना होगा।

टैक्स चोरी से बचने के लिए डिपार्टमेंट ने नए नियम को बनाया है : इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ऐसा सख्त नियम सिर्फ टैक्स चोरी को कम करने के उद्देश्य से बनाया है। डिपार्टमेंट को करोड़ों रुपए का नुकसान सिर्फ टैक्स चोरी की वजह से प्रतिवर्ष झेलना पड़ता है। लेकिन अब पैन कार्ड या आधार के डिटेल्स ट्रांजैक्शन के साथ जोड़े जाने की स्थिति में व्यक्ति की पूरी जानकारी डिपार्टमेंट को मिल ही जाएगी तो उसने कब , कहाँ, किस वक़्त कितने रुपए का ट्रांजैक्शन किया है। ऐसे में व्यक्ति टैक्स रिटर्न भरने के वक्त कोई गलत जानकारी नहीं दे पाएगा। ना ही कुछ झूठ बता पाएगा। ना ही व्यक्ति अपनी इनकम टैक्स कम करके दिखा पाएगा। ऐसे में इस नए नियम का अगर सख्ती से पालन करवाया जाएगा तो टैक्स चोरी को काफी कम किया जा सकेगा।