आम आदमी का फिर बुरा हाल ! अब खाने पीने का सामान होगा 15% तक महंगा

चालू वित्त वर्ष में भी, पहले दस महीनों में खाद्यान्न की कीमतों में साल-दर-साल काफी वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गेहूं और धान की कीमतों में 8-11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि मक्का, ज्वार और बाजरा की कीमतों में 27-31 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

क्रिसिल को मौजूदा रबी सीजन में गेहूं के अधिक उत्पादन की उम्मीद है। जनवरी 2023 से निर्यात पर निरंतर प्रतिबंध (अप्रैल 2020 में घोषित मुफ्त खाद्यान्न योजना) और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के बंद होने के बावजूद, जिससे स्टॉक की स्थिति पिछले वर्ष की तुलना में आरामदायक स्तर पर आने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि उपरोक्त उपायों से वित्त वर्ष 2024 के लिए गेहूं की कीमतों पर दबाव पड़ेगा। क्रिसिल के अनुसार, धान, मक्का, बाजरा और ज्वार जैसी प्रमुख खरीफ फसलों के लिए अगले वित्तीय वर्ष में भी उत्पादन अधिक रहने की उम्मीद है, बशर्ते मानसून सामान्य और अच्छी तरह से फैला हुआ हो।

हालांकि, राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन ने जून-जुलाई 2023 के बीच अल नीनो के दक्षिण-पश्चिम मानसून को प्रभावित करने की 49 प्रतिशत संभावना और जुलाई और सितंबर के बीच 57 प्रतिशत की भविष्यवाणी की है, रिपोर्ट में कहा गया है।

क्रिसिल ने कहा- यह देखने लायक है, इससे खरीफ के लिए बारिश प्रभावित हो सकती है और सूखे की स्थिति पैदा हो सकती है, जैसे पिछले मजबूत अल नीनो साल (2015) के दौरान जब दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य से 14 दिन कम था। प्रतिशत कम था और खरीफ अनाज का उत्पादन साल-दर-साल 2-3 प्रतिशत कम था।