क्या दिवालिया घोषित होने पर कर्ज चुकाने से बच जाते हैं लोग? जानें- क्या है नियम?

Bankruptcy : अक्सर लोगों को या किसी संस्थान को बड़े काम के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है तो वह बैंक से लोन लेते हैं। कई बड़े संस्थान या बड़े लोग भी बैंकों से कर्ज लेते हैं और अपना काम निकाल लेते हैं लेकिन जब कर्ज चुकाने की बात आती है तो उनके पास पैसा नहीं होता है।

लेकिन अगर किसी के पास सच में कर्ज चुकाने के पैसे नहीं है तो उसे इस स्थिति में दिवालिया (Bankruptcy) कहा जाता है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर जब व्यक्ति दिवालिया हो जाता है तो क्या वह कर्ज (Loan) चुकाने से बच जाता है? आइये जानते है पूरा प्रोसेस….

दिवालिया क्या होता है?

अगर कोई व्यक्ति या संस्था अपने आप को दिवालिया (Bankruptcy) रहती है तो वह सच में दिवालिया नहीं बन जाती हैं। इसके लिए एक प्रक्रिया होता है औरउसे व्यक्ति को दिवालिया घोषित होने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता है। उसे व्यक्ति को कोर्ट में दिवालिया होने के लिए आवेदन करना होगा और इसके बाद इस केस की सुनवाई की जाती है।

इसके बाद जब कोर्ट को ऐसा लगता है कि व्यक्ति या संस्था की तरफ से दिवालिया (Bankruptcy) होने की सभी दलीलें सही हैं तो उस व्यक्ति या संस्था को दिवालिया घोषित कर दिया जाता है। इसके बाद दिवालिया प्रक्रिया शुरू की जाती है।

क्या है दिवालिया प्रक्रिया

हमारे देश में दिवालिया की प्रोसेस कुल 180 दिन की होती है लेकिन अगर किसी कारण बस इतने दिनों में वह प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तो इसमें 90 दिनों की बढ़ोतरी कर दी जाती है। अगर कोई व्यक्ति अपने कर्ज (Loan) को चुकाने में असमर्थ होता है और वह अपने हाथ खड़े कर देता है तो कोर्ट इसमें संज्ञान लेता है। बाद में कोर्ट दिवालिया (Bankruptcy) घोषित हुए व्यक्ति की संपत्तियों को बेचकर कर्ज का पैसा प्राप्त करता है।

कब्जे में ली जाती है संपतियाँ

जब किसी व्यक्ति या संस्था को कोर्ट ने दिवालिया घोषित कर दिया है तो कर्ज देने वाला बैंक या संस्थान उस व्यक्ति को जबरदस्ती कर्ज चुकाने के लिए नहीं कह सकता है। लेकिन जब व्यक्ति या संस्था दिवालिया (Bankruptcy) घोषित हो जाते है तो कोर्ट के आदेश के अनुसार उस व्यक्ति या कंपनी की सारी चल व अचल संपति कब्जे में ली जाती है। इसके बाद इन संपत्तियों को नीलाम कर कर्ज का पैसा वसूल किया जाता है।