डेस्क : ई-कॉमर्स कंपनी अमेजॉन (Amazon) ने आज अपने 28 वर्ष पूरे कर लिए। 5 जुलाई 1994 को अमेजॉन की शुरुआत जैफ बेजॉस ने की थी। कंपनी की शुरुआत इंटरनेट पर सिर्फ कुछ किताबे बेचकर की गई थी और तब से लेकर आज तक कंपनी मालिक जेफ बेज़ोस ने इस मुकाम पर अमेजॉन को पहुंचा दिया है कि अभी प्रतिदिन इसका कारोबार करोड़ों में है। हालांकि जैफ बेजॉस ने पिछले वर्ष अमेजॉन के सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया था। 27 वर्षों तक लगातार अमेजॉन के सीईओ रहने के बाद जैफ बेजॉस ने अपनी कुर्सी ऐडी जैसी को दे दी। वर्तमान में बेज़ोस अमेजॉन के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन के रूप में कार्य कर रहें हैं।
नौकरी छोड़ कर की गई थी अमेज़ॉन की शुरुआत अमेजॉन की शुरुआत होने की कहानी काफी दिलचस्प है। जेफ बेज़ोस ने अपनी नौकरी छोड़कर ऑनलाइन बुक सेलिंग की कंपनी की शुरुआत की थी। उन्होंने न्यूनतम पश्चाताप की नीति के आधार पर ऐसा डिसीजन लिया था।जिस वक़्त अमेजॉन की शुरुआत की गई थी तो इसका नाम जेफ बेज़ोस कडाब्रा डॉट कॉम रखना चाहते थे, लेकिन तीन महीने मैंने नाम बदलकर इसका amazon.com कर दिया। तब से लेकर आज तक इसका यही नाम रह गया है। बेज़ोस ने अपने कंपनी का नाम ऐमेज़ॉन इसलिए रखा था की वो शुरुआत से ही यह टारगेट लेकर चले थे कि अमेजॉन को दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन बनाना है। अमेज़ॉन की शुरुआत ऑनलाइन बुक स्टोर के रूप में हुई थी लेकिन आगे चलकर इसपर अन्य समान भी बेचे जाने लगे।
एक गैराज में तीन कम्प्यूटर की मदद लेकर शुरू की गई कंपनी का आज करोड़ों का टर्न ओवर वर्तमान में 1115 बिलियन डॉलर की अमेजॉन कंपनी की शुरुआत एक छोटे से गेराज में सिर्फ तीन कंप्यूटर से हुई थी। कंपनी के शुरुआती दौर में देश में जेफ बेज़ोस ने तीन लाख डॉलर की पूंजी इसमें इन्वेस्ट की थी। किताबें ऑनलाइन बेचने का सॉफ्टवेयर भी बेज़ोस ने खुद ही तैयार किया था। यहां तक कि वह खुद ही किताबों को पैक भी करते थे और पार्सल भी कई बार पहुंचाते थे। 16 जुलाई 1995 से जेफ बेज़ोस ने किताब बेचने का बिजनेस शुरू कर दीया था और दो महीने के अंदर ही यानी कि सितंबर 1995 तक हर सप्ताह बीस हज़ार डॉलर की बिक्री भी होने लगी थी।
किंडल और नेट बैंकिंग का भी फायदा मिला अमेज़ॉन को वर्ष 2007 में अमेज़ॉन ने बिजनेस को और मॉडिफाई कर दिया जब अमेजॉन किंडल नाम से ही बुक रीडर् की मार्केटिंग शुरू कर दी। इसमें ना सिर्फ कंपनी को फायदा हुआ बल्कि ग्राहकों के लिए भी काफी सुविधाजनक था क्योंकि अपनी किताब मिलने का इंतजार नहीं करना पड़ रहा था। नेट बैंकिंग का भी अमेजॉन ने काफी फायदा हुआ। वर्ष 1997 में जहां अमेजॉन का रेवेन्यू एक करोड़ डॉलर का था, वहीं अब बढ़कर ग्यारह हजार करोड़ डॉलर का आंकड़ा पार कर गया। वर्तमान में अमेजॉन एक ऐसी ऑनलाइन साइट बन चुके जिसका कोई ना कोई प्रोडक्ट हर व्यक्ति के पास में या घर मे ज़रूर मौजूद है।