Aadhar Card : आधार कार्ड आज सभी लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बन चुका है और इसके बिना आप कोई भी सरकारी योजना का फायदा नहीं ले सकते हैं। आधार कार्ड (Aadhar Card) आपकी हर जरूरत के समय काम आता है। ऐसे में हर भारतीय नागरिक के पास आधार कार्ड होना जरूरी है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि जिस व्यक्ति की उंगलियां नहीं होती उसका आधार कार्ड कैसे बनाया जाता है?
आपको पता ही होगा कि आधार कार्ड (Aadhar Card) बनाने के लिए एक पूरी प्रक्रिया होती है जिसमें आंखों की रेटिना और हाथों की उंगलियां की भी जरूरत पड़ती है। आधार कार्ड बनाने के लिए यह पहचान बायोमेट्रिक मशीन द्वारा कंफर्म की जाती है।
लेकिन अगर किसी व्यक्ति के हाथ या हाथ की उंगलियां नहीं होती है तो इसे बायोमेट्रिक एक्सेप्शन मान लिया जाता है। ऐसे में उसे व्यक्ति को आधार सेवा केंद्र जाना होता है और आधार कार्ड के लिए आवेदन करना होता है।
बायोमेट्रिक एक्सेप्शन का मतलब होता है कि जब कोई व्यक्ति आधार कार्ड (Aadhar Card) बनवाने आधार सेवा केंद्र पर जाता है तो वहां पर बैठा अधिकारी इसकी प्रक्रिया शुरू कर देता है। यहां पर बायोमेट्रिक मशीन पर हाथों का स्कैन और आंखों की रेटिना स्कैन अपलोड करने के विकल्प को स्किप कर दिया जाता है।
बायोमेट्रिक एक्सेप्शन के लिए अधिकारी को एक्सेप्शन पर क्लिक कर देना होता है और उसे व्यक्ति का जो अंग नहीं है उसकी फोटो खींचकर अपलोड करना होता है।
जब अधिकारी द्वारा खींची गई है फोटो अपलोड कर दी जाती है और UIDAI की वेबसाइट पर चली जाती है तो उसे विकलांग व्यक्ति का आधार कार्ड बनकर आ जाता है। इसलिए सरकार ने उन लोगों के लिए खास व्यवस्था कर रखी है।