1 अक्टूबर से लागू होंगे ये 5 बड़े नियम, जानें – आपके जेब पर कितना पड़ेगा असर..

डेस्क : आज के समय में हर कोई फाइनेंसियल पार्ट को बड़े ही ध्यान पूर्वक संभालते हैं। ऐसे में हर महीने के तरह आने वाले अक्टूबर महीने में भी कुछ फाइनेंशियल बदलाव होने वाले हैं। इन बदलाव के बारे में आपका जान लेना बेहद आवश्यक है, ताकि आप अपडेट हो सके। ऐसे भी बदलाव हो सकते हैं जिससे आपके फाइनेंस पर प्रभाव पड़ सकता है। तो आइए विस्तार से जानते हैं।

डीमैट से जुड़े बदलाव : डीमैट खाताधारकों को 30 सितंबर तक अनिवार्य रूप से टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सेटअप करना होगा। इसके लिए यूजर आईडी के अलावा पासवर्ड या पिन, पॉजिशन फैक्टर, ओटीपी या सिक्योरिटी टोकन समेत अन्य ऑथेंटिकेशन ऑप्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं। एनएसई ने भी बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के इस्तेमाल की सलाह दी है।

डेबिट/क्रेडिट कार्ड से जुड़े बदलाव : आरबीआई ने इसकी आखिरी तारीख बढ़ाकर 1 अक्टूबर कर दी थी। मास्टर डायरेक्शन में 3 नियम हैं। सबसे पहले, यदि कार्ड जारी होने के 30 दिनों के भीतर सक्रिय नहीं होता है, तो बैंक को कार्डधारक से संपर्क करना चाहिए और वन टाइम पासवर्ड मांगना चाहिए। यदि कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं होती है, तो कार्ड आवेदन को बंद कर दिया जाना चाहिए। दूसरा, कार्ड जारीकर्ता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जब तक कार्डधारक अपनी अनुमति नहीं देता तब तक कार्ड की सीमा पार न हो। अवैतनिक शुल्क, शुल्क, कर और ब्याज के चक्रवृद्धि का कोई पूंजीकरण नहीं होना चाहिए।

एपीवाई से जुड़े बदलाव : एक अक्टूबर से कोई भी आयकर दाता अटल पेंशन योजना से नहीं जुड़ा होगा। अब आयकर दाताओं के पास इसमें शामिल होने के लिए केवल 3 दिन शेष हैं।

टोकनाइजेशन से जुड़े बदलाव : फाइल पर पिछला कार्ड (सीओएफ) डेटा हटा दिया जाएगा और ऑनलाइन लेनदेन के लिए कार्ड टोकनकरण अनिवार्य हो जाएगा। अगर कार्डधारक ऐसा नहीं करते हैं तो 1 अक्टूबर से उन्हें हर खरीदारी के लिए बार-बार कार्ड की पूरी जानकारी देनी होगी।

ये बड़ा बदलाव होने की संभावना : पेंशन नियामक पीएफआरडीए के मुताबिक नेशनल पेमेंट सिस्टम के ई-नॉमिनेशन के लिए बदलाव किए गए हैं। मौजूदा एनपीएस सब्सक्राइबर ई-नॉमिनेशन और पीआरएएन पर लॉग इन डिटेल्स का इस्तेमाल करके नॉमिनेशन में बदलाव कर सकेंगे। 1 अक्टूबर से नोडल कार्यालय को बदलाव के इस अनुरोध को स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए 30 दिन का समय मिलेगा। यदि इस अवधि के दौरान कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो आवेदन सीआरए प्रणाली द्वारा स्वीकार किया जाएगा।