गेहूं के बढ़ते दामों से जूझ रहीं आटा मिलें – कीमतें थामने के लिए सरकार से मांगा 40 लाख टन अनाज..

डेस्क : सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद घरेलू बाजार में महंगाई अब भी पीछा नहीं छोड़ रही है. सरकार ने पहले गेहूं फिर चावल के निर्यात पर रोक भी लगायी लेकिन अब आटा मिलों का कहना है कि उनके पास गेहूं की भयंकर किल्‍लत हो गई है और जल्‍द ही सरकार ने मुहैया नहीं कराया तो घरेलू बाजार में कीमतें थामना बेहद मुश्किल हो जाएगा और महंगाई बढ़ जाएगी. इन मिलों ने मांग की है कि सरकार ओपन मार्केट में गेहूं की बिक्री करे, ताकि इसकी कीमतों पर लगाम कसी जा सके.

रोलर फ्लोर मिल्‍स फेडरेशन ऑफ इंडिया (RFMFI) ने खाद्य मंत्रालय से शिकायत करी है. साथ ही यह गुहार भी लगायी है कि सरकार नवंबर माह में अपने स्‍टॉक से गेहूं जारी कर ओपन मार्केट में गेहूं की बिक्री करे. फेडरेशन ने यह कहा है कि सरकार के स्‍टॉक में जरूरत से ज्‍यादा गेहूं है और उसे जल्‍द बाजार में 40 लाख टन गेहूं जारी करना चाहिए. बाजार में गेहूं की उपलब्‍धता से कीमतों में काफी कमी आएगी और आटा के भाव बढ़ने से रोका जा सकेगा. फेडरेशन ने यह भी कहा है कि इस कदम से मुनाफाखोरों को भी जवाब दिया जा सकेगा, जो स्‍टॉक होने के बावजूद कालाबाजारी के इंतजार में बैठे हुए हैं.

सरकार ने क्‍यों बंद की Open Market बिक्री : दरअसल, वित्‍तवर्ष 2021-22 के दौरान सरकार के गेहूं भंडारण में करीब 56 फीसदी की कमी आयी है. यह गिरावट उत्‍पादन घटने और निर्यात बढ़ने की वजह से दिख रही है. रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक बाजार में गेहूं की सप्‍लाई पर बुरा असर पड़ा, तब भारत ने बड़ी मात्रा में कई देशों को गेहूं भी सप्‍लाई किया था. इससे सरकार के भंडारण में कमी आ गयी और गेहूं का भंडार 14 साल के निचले स्‍तर पर पहुंच गया.

फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी FCI के पास 1 अक्‍तूबर, 2022 को 2.27 करोड़ टन गेहूं का भंडार था, जबकि इस अवधि तक उसे सिर्फ व सिर्फ 2.05 करोड़ टन गेहूं के स्‍टॉक की जरूरत थी. यानी फिलहाल FCI के पास गेहूं का अतिरिक्‍त भंडार है. इस चालू वित्‍तवर्ष में मौसम की मार की वजह से गेहूं का उत्‍पादन घटकर 10 करोड़ टन से भी कम रहने का अनुमान है.

यही कारण है कि इस साल सरकारी एजेंसियों ने सिर्फ 1.8 करोड़ टन गेहूं की खरीदी की है, जो पिछले 15 साल में सबसे कम है. वित्‍तवर्ष 2021-22 में सरकार ने कुल 4.33 करोड़ टन गेहूं की खरीद भी की थी. यही कारण है कि चालू वित्‍तवर्ष के लिए अभी तक ओपन बाजार में सेल का कोटा तय नहीं किया गया है