डेस्क : जब दक्षिण भारत के पावर स्टार पुनीत राजकुमार ज़िंदा थे, तो हर एक का जीवन प्रज्वलित करते हुए चलते रहे। इतना ही नहीं जब उनका जीवन काल समाप्त हो गया तो भी वह 4 लोगों की मदद कर गए। आज वह 4 लोग उनका शुक्रिया अदा कर रहे हैं। इतनी कम उम्र में वह इतना बड़ा काम कर गए, जितना शायद ही किसी एक्टर ने किया होगा।
पुनीत कन्नड़ फिल्मों के सुपरस्टार हैं और लोग उनको अप्पू के नाम से बुलाते थे। मात्र 46 साल की बेहद ही कम उम्र में वह इस दुनिया को अलविदा कहकर चले गए। वह अभिनेता होने के साथ-साथ एक समाज सेवी भी थे। वह हर चीज़ में अव्वल थे, इतना ही नहीं आज जब भी इंटरनेट पर लोग उनके वर्कआउट के वीडियो देखते हैं तो उनकी याद में रो पड़ते हैं। पुनीत के फैंस के लिए यह एक काफी बड़ा झटका था की उनका सबसे चाहता स्टार अब इस दुनिया में नहीं रहा।
पुनीत इतने बड़े सेवक थे की हर गरीब की मदद करते थे और हर छोटे आदमी की इज्जत करते थे। वह लोगों के साथ जमीन पर बैठकर खाना खाते थे। जिस तरह से एक आम आदमी कोई भी काम करता है, उसी प्रकार वह भी हर काम करते थे। ऐसे में उनके इस दुनिया को छोड़ के जाने का मलाल हर एक को है। उनका देहांत 29 अक्टूबर को हुआ था। कई लोगों ने उनकी मौत के बाद सवाल खड़े किए हैं की आखिर किस वजह से आज के समय में जल्द लोगों की मृत्यु हो रही है।
पुनीत ने अपनी मौत से पहले ही अपनी आँखें किसी जरूरत मंद के लिए दान दे दी थी। ऐसे में अब 4 लोगों की आँखों की रोशनी वापस लौट आई है। जरूरतमंद लोग इस सुनहरी दुनिया को देख सके इसलिए पुनीत अपनी आँखें दान करके चले गए।
पुनीत की 2 आँखें आखिर कैसे 4 लोगों को दे दी गई ?
इस वक्त सभी एक चीज़ जानना चाहते हैं की आखिर कैसे पुनीत की 2 आँखें 4 लोगों को फिट की गई ? इंसान की आँखों में कॉर्निया होता है। एक कॉर्निया में से 2 कॉर्निया निकलते हैं। एक बाहरी कॉर्निया और एक भीतरी कॉर्निया। कॉर्निया की दोनों सतहों को निकालकर मरीजों की आँखों में लगाया जाता है किस्से उन्हें वापस दिखने लगता है। इस पूरी प्रक्रिया में ट्रांप्लांटेशन प्रोसेस चलता है। जिन लोगों को डीप कॉर्निया नाम की बिमारी होती है, उनकी आँखों में स्वस्थ आदमी का कॉर्निया लगाया जाता है।
फिलहाल के लिए 4 लोगों की आँख की रौशनी वापस आ गई है। जिन लोगों में आँखों की रौशनी वापस आई है उनकी उम्र 20-30 वर्ष है। नेत्र रोपण का काम नारायण नेत्रालय में 5 डॉक्टरों द्वारा किया गया। पुनीत के परिवार से उनके माँ-बाप भी नेत्रदान कर गए हैं, उनके पिता ने साल 2006 में आँखें दान की थी और फिर उनकी माँ ने 2017 में नेत्र दान किया। लोग अब इनके काम की जरूर प्रशंसा कर रहे होंगे।