डेस्क : शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण और जॉन अब्राहम की फ़िल्म पठान (Pathaan Controversy) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा हैं. हर बीतते नए दिन के साथ फ़िल्म से नाराज़ लोग, नए तरीकों से फ़िल्म और फ़िल्म के कलाकारों का भी विरोध कर रहे हैं. अयोध्या की तपस्वी छावनी के संत महंत परमहंस दास ने बीते सोमवार को ही बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख़ ख़ान (Shah Rukh Khan) की तेरहवीं कर दी. हाल ही संत महंत परमहंस ने कुछ दिनों पहले शाहरुख़ ख़ान को ज़िन्दा जला देने की धमकी भी दी थी.
हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक, अंतिम संस्कार के 13 दिन बाद 13वीं की रस्म भी होती है. अयोध्या के संत, महंत परमहंस दास फ़िल्म के ‘बेशरम रंग’ गाने से इतने ज्यादा नाराज़ हो गए कि उन्होंने जीवित शाहरुख़ ख़ान की ही तेरहवीं भी कर दी. मीडिया से बात-चीत के दौरान ही महंत परमहंस ने यह दावा किया कि इस तरह से वो ‘जिहाद’ का अंत कर देंगे. महंत परमहंस ने कहा कि कुल 13 दिन पहले उन्होंने शाहरुख़ ख़ान का पुतला जलाया था और अब 13 दिनों के बाद जिहादी शाहरुख़ ख़ान की तेरहवीं भी कर दी.
बीते सोमवार को ही संत परमहंस एक मिट्टी के घड़े के साथ देखे गए जिस पर शाहरुख़ ख़ान का फ़ोटो भी लगा हुआ था. संत परमहंस के आस-पास उनके समर्थक भी खड़े थे. उन्होंने कुछ मंत्र भी पढ़े और मिट्टी के घड़े को ज़मीन पर पटक दिया.
अयोध्या के संत परमहंस ने शाहरुख़ ख़ान पर देश में नफ़रत फैलाने का आरोप भी लगाया. संत परमहंस का आरोप है कि वो दूसरों की आस्था का सम्मान भी करते हैं लेकिन लोग उनकी आस्था का अपमान कर रहे हैं. संत परमहंस ने कहा, ‘शाहरुख़ खान कोई किंग-विंग नहीं है. वो फिल्मों का जिहादी है और जिहादियों का लीडर है.’
IANS के अनुसार महंत परमहंस ने आम जनता से उन थियेटर्स को आग लगाने की अपील भी की, जिनमें पठान की स्क्रीनिंग होनी है. महंत परमहंस ने कहा, ‘बॉलीवुड और हॉलीवुड सनातन धर्म का हमेशा मज़ाक उड़ाने का और हिंदू देवी-देवताओं का मज़ाक उड़ाने के तरीके खोजते रहते हैं. पठान फिल्म में दीपिका पादुकोण ने ऐसे कपड़े पहने हुए हैं जिससे संतों और पूरे देश की धार्मिक आस्था को नुकसान भी पहुंचा है. शाहरुख़ ख़ान हमेशा से सनातन धर्म का मज़ाक उड़ाता रहता है’