ट्रेन से जाने वाले प्रवासी मजदूरों को नहीं खरीदना होगा टिकट

डेस्क : कोरोना वायरस महामारी के कारण लोग अपने राज्य से अलग-थलग दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं पर उनको वापस अपने घर बुलवाने के लिए सरकार ने कुछ स्पेशल ट्रेनें चलाई है, यह ट्रेनें 1 मई की रात से चालू हो चुकी है जो भी फंसे हुए प्रवासी मजदूर है उनको ट्रेन से उनके घर और राज्य तक पहुंचाने का किराया रेलवे राज्य सरकार से वसूला जाएगा रेलवे की ओर से शुक्रवार को जारी एक आदेश में इस बात का जिक्र करा गया है। इन ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन नाम दिया गया है, खासकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन क्योंकि इसमें मजदूरों को ही आने जाने की अनुमति है अगर इस स्पेशल ट्रेन के किराए की बात करें तो स्लीपर क्लास के टिकट का मूल्य ₹30 सुपरफास्ट का 40 रूपए और ₹20 भोजन पानी का शुल्क शामिल है, रेलवे ने स्पष्ट किया है कि यात्रियों को अपने पास से कुछ भी चीजें खरीदने की जरूरत नहीं है उनके खर्च का जिम्मा राज्य सरकारें उठा रहे हैं क्योंकि पूरे महीने भर तक जितनी भी सेवाएं निलंबित थी. उसको लेकर मजदूर की जेब में ₹1 भी नहीं आया है जिसकी वजह से सरकार नहीं आ जिम्मा लिया है आपको बता दें कि 1 मई को पहली यात्री ट्रेन हैदराबाद से झारखंड के लिए सुबह 4:30 बजे रवाना की गई जिसमें कुल 12 लोग सवार थे।

आपको बता दें कि रेलवे ने अलग-अलग पांच ट्रेन के कार्यक्रम निर्धारित करें हैं जिनमें नासिक से लखनऊ नासिक से भोपाल जयपुर से पटना कोटा से हटिया और अलुवा से भुवनेश्वर तक की ट्रेन में सफर तय करेंगे हर ट्रेन में हजार से बारह सौ के बीच लोग सवार हो सकते हैं पर सोचने वाली बात यह है कि बिहार झारखंड राजस्थान महाराष्ट्र उड़ीसा केरल पंजाब उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में मजदूरों के लिए विशेष ट्रेन चलाने का आह्वान किया था पर अभी तक उनकी ओर से कोई बयान जारी नहीं हुआ है। रेलवे ने शुक्रवार को ऐलान कर यह कहा है कि उसकी यात्री ट्रेन सेवा आगामी 17 मई तक पहले की तरह निलंबित रहेगी हालांकि इस समय प्रवासी मजदूरों के लिए कुछ तरह के विशेष ट्रेनें जरूर चलाई जाएंगी।

रेलवे ने साफ तौर पर कहा है कि किसी भी स्टेशन पर किसी भी व्यक्ति को टिकट ना ही मिलेगा ना ही तो बेचा जा रहा है इसलिए टिकट खरीदकर यात्रा करने की मंशा से कोई भी लोग स्टेशन पर ना जाए और ना ही तो किसी भी प्रकार की बुकिंग करी जा रही है केवल उन्हीं लोगों को यात्रा करने की अनुमति मिल रही है जिन्हें राज्य सरकार के अधिकारी लेकर आएंगे और साथ ही राज्य सरकार ही तय करेगी कि ट्रेन में किन-किन लोगों को सफर करना है।