बिहार में लॉकडाउन के नाम पर महिलाओं के अधिकार में हुई कटौती -कांग्रेस

पटना : बिहार युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने कहा कि लॉकडाउन में महिलाओं पर हमले की घटनाओं में हुई बढ़ोतरी पर गहरी चिंता व्यक्त की है। शनिवार को उन्होंने प्रेस रिलीज जारी करते हुए बिहार सरकार से महिलाओं के पोषण, सुरक्षा व उनके अधिकारों की गारंटी की मांग की है। लॉकडाउन के नाम पर महिला अधिकारों में कटौती को हम सहन नहीं करेंगे। ललन ने कहा कि कोरोना महामारी को रोकने के लिए भारत सरकार ने 3 मई तक लॉकडाउन की अवधि को बढ़ा दिया है, 20 अप्रैल को सीमित गतिविधियों के साथ छूट देने की बात कही गई है, लेकिन व्यवहार मे लॉकडाउन को और कड़ा कर दिया गया है। लॉकडाउन के पहले चरण में पूरे देश में महिलाओं पर हमले की घटनाओं में बाढ़ सी आ गई है। बिहार में भी हमले तेज हुए हैं,दूसरी ओर, आशा कर्मियों, रसोइयों व अन्य कामकाजी हिस्से के प्रति सरकार अभी भी उदासीन बनी हुई है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि 3 मई तक के लॉकडाउन में सरकार महिलाओं के लिए कौन से कदम उठा रही है।

उन्होंने कहा कि विगत दिनों में महिलाओं की भयावह जीवन स्थिति की कई घटनाएं सामने आई हैं। बिहार के जहानाबाद में इलाज और एम्बुलेंस के अभाव में एक मां बेबस होकर अपने बच्चे को मरते हुए देखती रही। बिहार के ही गया जिले में पंजाब से लौटी और क्वारेंनटाईन वार्ड में भर्ती एक टी बी की मरीज महिला का बलात्कार और उसकी मृत्यु जांच में कोरोना निगेटिव पाई गई की खबर आई। गया जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र में नाबालिक के साथ दुष्कर्म किया। पूर्वी चंपारण जिले के रघुनाथपुर पुलिस आउट पोस्ट के हरदिया गांव में नाबालिक बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया गया। हम चाहते हैं कि लॉकडाउन में इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगाने की व्यवस्था सरकार को करनी होगी। ऐसी घटनाएं दुबारा न हों इसके लिए सरकार कुछ कदम उठाये।