बिहार की सियासत में बदलाव की बयार : महागठबंधन में फूट, जेडीयू में भी बिखराव की स्तिथि…

डेस्क : बिहार विधानसभा चुनाव हुए एक महीने से ज्यादा गुज़र चुके है वही परिणाम आये हुए और नई सरकार का गठन हुए भी काफी समय गुज़र चुका है। साथ ही, पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के निधन को भी महीने से ऊपर बीत चुका है। उनके निधन से खाली हुई राज्य सभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर जहां एक तरफ कयासों का बाजार गर्म है तो वही दूसरी तरफ बिहार का सियासी पारा भी चढ़ाते ही जा रहा है।

पूर्व डिप्टी सीएम व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ( Sushil Kumar Modi) को एनडीए की तरफ से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद सीटों के समीकरण को देखते हुए उनकी जीत भी एक तरह से तय मानी जा रही है। बस इसी बात को लेकर महागठबंधन (Mahagathbandhan) और एनडीए (NDA) के बीच तनातनी मच गई है कि आखिर विपक्ष की ओर से उम्मीदवार क्यों उतारने की तैयारी हो रही है?

बीजेपी कि माने तो गठबंधन को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है तो विपक्ष में बैठे और सरकार को कमजोर और अस्थिर करने की कोशिश न करे। साथ ही, बीजेपी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को भी लगे हाथ चेतावानी देते हुए कहा कि स्पीकर के चुनाव में भी बेवजह हंगामा खड़ा किया और अब राज्यसभा में भी बहुमत नहीं होने के बावजूद परेशान है।कहीं ऐसा न हो की वे न घर के रहे न घाट के,उनके लिए गठबंधन बचाना भी मुश्किल न हो जाए।

बीजेपी के अनुसार महागठबंधन के कई घटक दल एनडीए में शामिल होना चाहते हैं। बस समय का इंतज़ार है, वक्त आने पर सभी घटक दल एनडीए का हिस्सा होंगे। वही महागठबंधन ने इस बड़े दावे के बाद भारी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि चुनाव में उम्मीदवार खड़ा करना हमारा अधिकार है। आखिर बीजेपी के लोगो में इतनी घबराहट क्यों है? आरजेडी और गठबंधन के एक भी घटक नहीं टूटेगा।एनडीए अपनी चिंता करे क्योंकि यह सरकार चार कंधों पर चल रही है। कभी भी सरकार जा सकती है।