बिहार सरकार का बड़ा फैसला – मजदूरों पर खर्च करेंगे 250-300 करोड़ रुपए

बिहार : श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने मजदूरों को बड़ा तोहफा दिया है, बिहार सरकार ने शिक्षकों के बाद अब मजदूरों को इस साल तोहफे के रूप में सालाना 2500 रूपए देने की योजना बनायीं है। इस समय राज्य में लगभग 10 लाख के करीब मजदूर है जिनको यह धनराशि मुहैया कराई जाएगी। यह बता दें की इस तोहफे का जिक्र खुद श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार ने करा है। पूरी कीमत लगभग 300 करोड़ के आसपास बैठेगी। मंत्री जी का कहना है की पुरे राज्य में करीब 1749 विकास कौशल सेंटर चल रहे है। इनमें से प्रमाण पाने वालो की संख्या 728020 है। प्रशिक्षण पा रहे छात्रों की संख्या में भी बड़ा इजाफा है लगभग 953303 है। इनमे से 36925 छात्रों को प्रमाण मिल चूका है।

आपको बता दें की आईटीआई में 36 कोर्सों पर मान्यता प्राप्त है, जिसमें 7 ट्रेड में 8वी पास दाखिला करा सकते है। बाकि के बचे हुए ट्रेड में दाखिला लेने के लिए कम से कम मेट्रिक होना तो अनिवार्य है। 8 वीं में नामांकन के बाद प्रशिक्षण की डिग्री पाने के बाद ये साइंस और माथेमेटिक में पास कर लेंगे तो मैट्रिक के बराबर माना जाएगा। 10 वीं के बाद आईटीआई पास विद्यार्थी अंग्रेजी और हिंदी में पास होने पर इंटरमीडिएट के बराबर माना जायेगा।

जानकारी के लिए बता दें की 2017 से लेकर 2019 तक लगभग 4000 विद्यार्थियों का चयन हुआ है , हाल ही में बीते साल की बात करें तो उसमें 1440 विद्यार्थियों का चयन करा जा चुका है। पीडीओटी की भी 4 राज्यों में स्थापना करी जा चुकी है ,मुज्जफरपुर,दरभंगा, गया और पटना इस प्रक्रिया से शायद सरकार युवाओं का दिल जितना चाहती है ताकि उससे आने वाले समय में युवा वोट मिल सकें।