डेस्क : इन दिनों लोजपा में कुछ सही नहीं चल रहा हैं। पहले पार्टी के संस्थापक राम विलास पासवान जी का निधन फिर NDA से अलगाव, उसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में करारी शिकस्त, राज्यसभा सीट का हाथ से निकल जाना और अब लोजपा में टूट के आसार, मालूम हो कि ऐसे ख़बरें आ रही थी जिसमें लोजपा में सब ठीक नहीं है इस बात के कयास लगाए जा सकते हैं। LJP के प्रदेश महासचिव केशव सिंह के बयान के बाद से ही LJP मे बिखराव की स्थिति बन गई थी।
अब लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज ने पार्टी विरोधी कार्य में संलिप्त तथा अनुशासनहीनता के कारण पूर्व प्रदेश महासचिव केशव सिंह को तत्काल प्रभाव से पार्टी से छह साल से निष्कासित करने के साथ ही इस आशंका को बल मिल गया है। जानकारी के अनुसार उनकी प्राथमिक सदस्यता भी निलंबित कर दी गई है। मालूम हो कि केशव सिंह ने शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अगले माह लोजपा में टूट को लेकर बयान दिया था। इसके बाद पार्टी ने उनपर यह कार्रवाई की है।
दरअसल हुआ यूं कि पूर्व महासचिव केशव सिंह ने एक बयान में यह कह दिया कि चिराग पासवान पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के बताये रास्ते से भटक गए हैं। वे लोजपा को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चला रहे हैं। वे अपने एक पीए की सलाह पर काम कर रहे हैं, जबकि सांसदों एवं अन्य नेताओं की कोई पूछ नहीं है। सारे समर्पित कार्यकर्ता अपने आप को उपेक्षित महसूस करते हैं।गौर करने वाली बात ये है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में पार्टी NDA से अलग होकर अकेले ही 135 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें सिर्फ एक पर सीट पर उसे जीत नसीब हुई।
बता दें कि हाल ही में लोजपा प्रदेश संसदीय बोर्ड की हुई बैठक में पार्टी की प्रदेश कमेटी समेत सभी जिलों की इकाई और प्रकोष्ठों को भंग कर दिया गया था। दो महीने के अंदर नई कमिटियां गठित करने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में चिराग ने पार्टी कार्यकर्ता अभी से संगठन के विस्तार और मजबूती पर ध्यान केंद्रित करें। यह भी कहा कि वे और प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज नियमित रूप से बिहार में रहकर कार्यकर्ताओं संग काम करते रहेंगे। जल्द ही वे जिलों का दौरा करेंगे।